इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में वेस्ट से बेस्ट कैसे किया जा सकता है इसका नजारा नेमावर रोड पर देखा जा सकता है। सड़कों पर पड़े रहने वाले पत्थर जब कला में तब्दील किए जाएं तो कैसा रूप निखरता है यह वे लोग जानते हैं जिन्होंने इस सुंदरता को देखा है। अब जब रंगों में ढले इन पत्थरों पर लोगों की निगाहें पड़ी तो एकबारगी हैरान हो जाते हैं कि ये कोई मनुष्य खड़ा है या पत्थरों का बुत।
दरअसल, ट्रेचिंग ग्राउंड में नगर निगम ने एशिया का सबसे बड़ा बायो CNG प्लांट बनाया है। इसके साथ-साथ ट्रेचिंग ग्राउंड इलाके को नगर निगम संवारने में जुटा था जिससे ये खूबसूरत दिखाई दिए। इसके लिए निगम ने पत्थरों को चुना। ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचने वाले रास्ते को नगर निगम ने आकर्षक ढंग से सजाने का काम किया। नगर निगम ने इस पूरे मार्ग पर कई कलाकृतियां बनाई हैं। ये कलाकृतियां थ्री-आर (रीयूज, रीसाइकल तथा रीड्यूज) के सिद्धांत पर बनाई गई हैं। इंदौर से निकलने वाले कबाड़ की चीजों से इन्हें तैयार किया गया है। कबाड़ में आने वाले लोहे के सरियों को जोड़कर इनका खाका रेडी किया गया। जिसमें रोड़ किनारे फेंके गए पत्थरों को भरकर उनको कलरफुल कर आकर्षक बना दिया गया। 19 फरवरी को इस प्लांट का उद्घाटन होना है। जिसमें केंद्र सरकार के अधिकारीयों के साथ ही कई अन्य लोग भी सम्मिलित होंगे। इस प्रोग्राम में पीएम नरेंद्र मोदी वर्चुअली हिस्सा लेंगे। जिसके चलते नगर निगम द्वारा इस इलाके में खास सजावट की जा रही है।
वही नेमावर रोड के इस भाग में जहां सड़कों को दुरूस्त किया गया है। वहीं सड़क के किनारों पर पौधारोपण के साथ-साथ आकर्षक पेटिंग भी बनाई गई हैं। ज्यादातर कलाकृतियां पत्थरों से बनाई गई हैं। ये वे पत्थर हैं जिनको रेत कारोबार बेकार समझकर फेंक जाते थे। इन पत्थरों को निगम ने इकट्ठा किया तथा रंगों में ढालकर कलाकृतियां बना दी। दूर से देखने पर लगता ही नहीं कि ये पत्थर होंगे। वही ये नजारा ये वाकई बहुत आकर्षक है।
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