कैलिफोर्निया के CDPH ने वेस्ट नील संक्रमण की वजह से 2021 में पहली मौत की पुष्टि की है। हालांकि, उसने ये नहीं कहा कि व्यक्ति की कब मौत हुई और न ही अन्य खबर दी। विभाग ने कहा, "ऐसा लगता है कि देश के बाहर ऐसे क्षेत्र की यात्रा करते वक़्त संक्रमित हुआ जहां संक्रमण से संक्रमित मच्छर स्थानीय हैं। CDPH के प्रमुख टोमस जे अरागोन ने कहा कि भयावह संक्रमण के और मामले संक्रमित मच्छर के काटने से जानवरों और मनुष्यों में फैल सकते हैं। उन्होंने बताया, "वेस्ट नील वायरस की गतिविधि प्रदेश में बढ़ रही है, इसलिए मैं कैलिफोर्निया के लोगों से हर संभव एहतियाती उपाय मच्छरों के खिलाफ उठाने की अपील करता हूं।" सीडीपीएच के अनुसार, गर्म तापमान से मच्छरों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है तथा संक्रमण के मनुष्यों में फैलने का जोखिम बढ़ रहा है।
वेस्ट नील वायरस क्या है?
सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, अमेरिका में मच्छर जनित रोगों की प्राथमिक वजह वेस्ट नील वायरस है। ये अधिकांश संक्रमित मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है। मच्छर के मौसम में वेस्ट नील संक्रमण के केस बढ़ते हैं, जो गर्मी में आरम्भ होता है तथा पतझड़ तक रहता है। वेस्ट नील वायरस से गंभीर रोग का संकट अधिकतर लोगों को कम होता है, मगर एक फीसद से कम को गंभीर तंत्रिका संबंधी रोग जैसे इन्सेफेलाइटिस या मैनिंजाइटिस हो सकता है। मनुष्यों में वेस्ट नील वायरस का उपचार या रोकथान करने के लिए कोई वैक्सीन या दवा नहीं है।
किसे अधिक खतरा है?
सीडीसी के अनुसार, वेस्ट नील वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोग बीमार नहीं पड़ते हैं। प्रत्येक पांच में से एक संक्रमित व्यक्ति को बुखार और अन्य लक्षण होते हैं। 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग और डाइटबिटीज या हाइपरटेंशन से पीड़ित को बीमार पड़ने की अधिक संभावना होती है तथा वेस्ट नील वायरस के संक्रमण से पेचीदगियां होने से ज्यादा जोखिम रहता है। गंभीर रोग से ठीक होने में सप्ताहों या महीनों लग सकते हैं। केंद्रीय नर्वस सिस्टम पर कुछ देर तक असर हो सकता है।
वेस्ट नील वायरस के लक्षण:-
सीडीसी के अनुसार, वायरस से संक्रमित अधिकांश व्यक्तियों को लक्षण विकसित नहीं होता है। उसके कुछ अन्य लक्षणों में सिर दर्द, बदन दर्द, जोड़ का दर्द, डायरिया, चकत्ते सम्मिलित हैं। जिन व्यक्तियों को ये लक्षण होता है, पूरी तरह ठीक हो जाते हैं मगर थकान का अनुभव देर तक हो सकता है। हालांकि, 150 व्यक्तियों में सिर्फ एक को गंभीर लक्षण होता है। गंभीर लक्षणों से पीड़ित व्यक्तियों को तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, झटके, मांसपेशियों में कमजोरी, दृष्टि का जाना, फालिज हो सकता है। वेस्ट नील वायरस कई फैक्टर जैसे तापमान, किसी क्षेत्र के मच्छर तथा पक्षियों की किस्मों से प्रभावित होता है।
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