पेरिस: फ्रांस में जारी दंगों के बीच सोशल मीडिया पर इस्लामी मौलाना मोहम्मद तौहिदी का एक पुराना वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस बयान में मौलाना तौहीदी चेतावनी देते नज़र आ रहे हैं कि किस तरह किसी देश में इस्लामी प्रवासियों को जगह देना खतरनाक होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना तौहीदी का यह बयान एक इंटरव्यू का है, जो 9 सितंबर 2022 को हुआ था। इसमें उन्होंने बताया था कि किस तरह मुस्लिम देश ही इस्लामी कट्टरपंथियों को अपने यहाँ जगह नहीं देते, मगर उन्हीं कट्टरपंथियों का पश्चिमी देश हाथ खोलकर स्वागत करते हैं और बाद में उन्हें अंजाम भुगतना पड़ता है।
Even the Imam of Peace had warned about MusIim migrants in Europe-"These Islamists extremists you imported only want to live on welfare... their ideology is fiIth & when you allow that in or you glorify it you make your bed, you sleep in it" #FranceOnFire #franceriots pic.twitter.com/A4EFGi73Le
— Rosy (@rose_k01) July 3, 2023
मौलाना मोहम्मद तौहिदी, इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की मिसाल देते हुए पूछते हैं कि ये IRGC जैसे संगठन मुस्लिम देशों में नहीं चल पाते, मगर ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में ये संगठन पूरी आज़ादी से अपना काम करते हैं। ये लोग टोरंटो में सरेआम अपना झंडा फहरा देते हैं। आखिर किसी को कैसे नहीं पता चला कि उनकी (कट्टरपंथियों की) विचारधारा ही खून बहाना और लोगों को काटने की हैं। मौलाना आगे कहते हैं कि, 'इस्लामी देशों में कोई संकट नहीं है। मुस्लिम मुल्क सब अच्छा कर रहे हैं। केवल कुछ जगह समस्या हैं। पर मैं कहूँगा संकट आप लोगों पर हैं। आप मुस्लिम देश जाते हैं। वहाँ का वो कचरा उठा लाते हैं, जिन्हें खुद मुस्लिम देश निकालकर बाहर करना चाहते हैं या जेल में डालकर उन्हें समाज से अलग कर देना चाहते हैं। आप उन्हीं लोगों को सस्ते में उठा लाते हैं, मगर इन इस्लामी कट्टरपंथियों को काम नहीं करना है।'
इस्लामी कट्टरपंथ पर बात करते हुए मौलाना तौहीदी ने समझाया कि जब घर का सामान खरीदा जाता है, तो कुछ कूड़ा निकलता है। इस कूड़े को लोग बाहर फेंक देते हैं और नगर निगम उसे उठा ले जाता है। क्योंकि, कूड़ा घर में रखने वाली चीज नहीं है, इससे बीमारी और कीटाणु पनपते हैं। मौलाना कहते हैं कि, इसी प्रकार समाज में भी कूड़ा है। आपके सामने कातिल, अपराधी और घिनौनी मनासिकता है, जो कहती है कि आप महिला हैं, इसलिए घर पर रहें या फिर आप अपनी पूरे शरीर को ढककर रखें, क्योंकि वो प्राइवेट पार्ट है। कुछ (कट्टरपंथी) कहते हैं ये यहूदी है, ये ईसाई है इनके साथ ऐसा होना चाहिए। ये मानसिकता घिनौनी है और इसका सम्मान नहीं किया जाना चाहिए।
???????? ALERTE INFO : La dépouille de #Nahel entre dans le corbillard sous les cris de "Allah Akbar" (...) pic.twitter.com/72zctdV36Q
— Valeurs Occidentales (@ValOccidentales) July 1, 2023
मौलाना मोहम्मद तौहिदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस मामले में पोलैंड की नीतियाँ बेहद सही हैं। वहाँ कोई इस्लामी कट्टरपंथ नहीं है और न ही आज तक वहां कोई आतंकी हमला वहाँ हुआ हैं। क्योंकि जैसे ही उन्हें (पोलैंड को) लगा कि ये समस्या वाली चीज है, उन्होंने उस पर लगाम लगा दी। मौलाना तौहीदी ने सितंबर 2022 में ही कह दिया था कि, फ्रांस पोलैंड के बिलकुल उलट हैं। मौलाना कहते हैं कि, वहाँ (फ्रांस में) कट्टरपंथी आते हैं, उनके संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं। यहाँ तक कि वाशिंगटन जाकर संसद तक में बैठ जाते हैं। फिर ईरान का समर्थन करने लगते हैं। हिजाब पहनकर कांग्रेस द्वारा लगाए प्रतिबंधों का विरोध करते हैं। मौलाना तौहीदी पूछते हैं, पता है क्यों? क्योंकि उनकी शुरुआती विचारधारा ही सड़ी हुई है। इसलिए जब कोई पश्चिमी देश उन्हें अपने यहाँ जगह देता है, तो ऐसा ही है कि आप उन्हें अपने आप बिस्तर बिछाकर उन्हें लाकर सुला दें। यही पश्चिम देशों की समस्या है। अक्सर सवाल होता है कि क्या इससे कट्टरपंथी ताकतवर और पश्चिमी देश कमजोर हो रहे हैं, तो जवाब है हाँ, यही बात है। दरअसल, फ्रांस में मौजूदा समय में जो दंगे और आगज़नी हो रही है, वो शरणार्थियों द्वारा ही की जा रही है, जिनका फ्रांस ने कभी बाहें फैलाकर स्वागत किया था। इसी बात को लेकर मौलाना तौहीदी का बयान यह कहते हुए वायरल हो रहा है कि, उन्होंने पश्चिम देशों को पहले ही इस कट्टरपंथी विचारधारा के बारे में चेतावनी दे दी थी। बता दें कि, मोहम्मद तौहिदी एक ऑस्ट्रेलियाई शिया मुस्लिम धर्मगुरु और इमाम हैं। वह वर्तमान में द ग्लोबल इमाम्स काउंसिल के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं, जो इराक में स्थित एक अल्पज्ञात संगठन है।
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