नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नगालैंड हिंसा पर सोमवार को लोकसभा में बयान दिया. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों के विरुद्ध अभियान की तैयारी की थी. एक वाहन को सुरक्षा बलों ने रोका, किन्तु वाहन तेजी से भागने लगा. सेना को शक हुआ और उन्होंने गोलीबारी कर दी. इसमें वाहन में सवार 8 में से 6 लोगों की जान चली गई. बाद में गलत पहचान का मामला साबित हुआ. सेना ने ही दो घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया.
लोगों ने सेना के वाहनों को घेर लिया और उन पर हमला कर दिया. हमले में एक जवान की जान चली गई और कई जख्मी हो गये. अपनी सुरक्षा में सुरक्षा बलों को फिर से फायर करना पड़ा, जिसमें 7 नागरिकों की जान गई और कुछ अन्य जख्मी हो गए. स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिशें की हैं. माहौल तनावपूर्ण, किन्तु काबू में है. नगालैंड के डीजीपी और कमिश्नर ने मौके का दौरा किया और मामले की समीक्षा की है. स्थानीय प्रशासन ने मामले की गंभीरता के मद्देनज़र निषेधाज्ञा लागू कर दी है.
राज्य की क्राइम ब्रांच को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए SIT गठित कर दी गई है, जो एक महीने के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट देगी. गृह मंत्री ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद 250 लोगों की आक्रोशित भीड़ ने मोन शहर में असम राइफल्स के COB पर हमला कर दिया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए असम राइफल्स के जवानों को फायर करना पड़ा, जिसमें एक अन्य नागरिक की जान चली गई और कई अन्य जख्मी हो गये.
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