गुवाहाटी: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की विशेष अदालत ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के मामले में असम के विधायक अखिल गोगोई और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ गंभीर आरोप तय किए हैं। अदालत ने गोगोई के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 18 (साजिश) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 153 ए (वैमनस्वता को बढ़ावा देना) और 153 बी (राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले बयानों) के तहत आरोप लगाए हैं।
गोगोई के वकील शांतनु बोरठाकुर ने बताया कि अन्य तीन सहयोगियों—धैज्य कुंवर, बिट्टू सोनोवाल और मानस कुंवर—के खिलाफ भी यूएपीए की धारा 18 और आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आरोप तय किए गए हैं। हालांकि, अदालत ने आतंकवादी संगठन को समर्थन देने से संबंधित यूएपीए की धारा 39 और IPC की धारा 124 ए (देशद्रोह) को खारिज कर दिया।
गोगोई ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक बार फिर साबित करता है कि वे लोगों के साथ हैं और सरकार उन्हें जेल में बंद करना चाहती है। उन्होंने इसे एक फासीवादी और सांप्रदायिक सरकार के खिलाफ कठिन लड़ाई बताया। गोगोई और उनके सहयोगियों ने आरोपों के खिलाफ गुवाहाटी उच्च न्यायालय जाने की योजना बनाई है। एनआईए इस मामले की जांच कर रही है, जो दिसंबर 2019 में राज्य में हुए हिंसक नागरिकता (संशोधन) अधिनियम आंदोलन से संबंधित है।
पराली जलाने पर हरियाणा सरकार का एक्शन, अधिकारी निलंबित, आरोपी किसानों पर भी गाज
तस्लीमा नसरीन को केंद्र सरकार ने दी बड़ी राहत, रेन्यु हुआ निवास परमिट
एक ही लड़के पर आया दो लड़कियों का दिल, तीनों ने उठाया ये बड़ा कदम