तीन देशों की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सऊदी के साथ कच्चे तेल उत्पादन को लेकर बड़ी डील की है. 60 करोड़ डॉलर (करीब 3855 करोड़ रुपये) की ये डील इंडियन तेल कंपनियों के साथ सऊदी की तेल कंपनी एडनॉक ने की है. सौदे के अनुसार इन कंपनियों को लॉअर जकुम फील्ड में 10 फीसदी की हिस्सेदारी दी गई है. गौर से देखने पर पता लगता है की इस हिस्सेदारी के जरिये देश की बढ़ती ईंधन की आपूर्ति के साथ साथ आम आदमी के बजट को काम करने का दोहरा प्रयास किया गया है.
भारतीय इतिहास में यह पहली बार है, जब भारतीय कंपनियों ने सऊदी से इस तरह की व्यापक डील की है. सरकार संचालित ओएनजीसी की सब्सिडियरी ओएनजीसी विदेश, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन की सब्सिडियरी भारत पेट्रोरिसोर्सेज ने यह डील की है. इस डील के तहत इन कंपनियों ने 60 करोड़ डॉलर (करीब 3855 करोड़ रुपये) अदा कर एडनॉक के अबु धाबी स्थित ऑयल फील्ड में 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है.
इस डील में भारत के लिए क्या है.
अबु धाबी के तेल भंडार में हिस्सेदारी खरीदने वाली कंपनियों को कच्चा तेल दिया जाता है.
इस डील से एक चीज तो साफ है कि यह भारत की दिन-प्रतिदिन बढ़ रही ऊर्जा की मांग को पूरी करने में मदद करेगी.
एडनॉक के लिए भारत की एंट्री.
नेशनल एनर्जी पॉलिसी डॉक्यूमेंट के मुताबिक 2040 तक भारत का कुल एनर्जी इंपोर्ट 36-55 फीसदी हो जाएगा.
बताया जा रहा है कि यह मांग देश की जनसंख्या बढ़ने और शहरीकरण होने से बढ़ेगी.
20 लाख टन है भारत की भागीदारी
जिस तेल भंडार में भारतीय कंपनियों ने हिस्सेदारी खरीदी है, उसकी क्षमता 4 लाख बैरल प्रति दिन उत्पादन की है.
सालाना यह करीब 2 करोड़ टन तेल तैयार करता है.
सालाना इस प्रोडक्शन में भारतीय कंपनियों की भागदारी 20 लाख टन की होगी.
इस फील्ड का टारगेट 2025 तक प्रोडक्शन 4 लाख से बढ़ाकर 450,000 बैरल प्रतिदिन करने का है.
ऐसा होने पर भारतीय कंपनियों का शेयर भी बढ़ेगा.
राहुल गाँधी के पकौडे को मुँह से लगाते ही मचा बवाल
मोदी ने ओमान में मिनी इंडिया और 200 साल पुराना मंदिर देखा
ओमान के सुल्तान से पीएम मोदी की द्विपक्षीय वार्ता आज