बैंगलोर: कन्याकुमारी से जम्मू-कश्मीर तक 'भारत जोड़ो यात्रा' पर निकले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि अकेले हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है। साथ ही राहुल गांधी ने यह भी कहा है कि कन्नड़ भाषा जैसी क्षेत्रीय भाषाओं को कोई भी खतरा नहीं है। खास बात है कि सियासी हलकों में भाषा के मुद्दे को लेकर जमकर बहस छिड़ी हुई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन भी इस पर बयान दे चुके हैं।
राहुल गांधी ने शुक्रवार (7 अक्टूबर) को कई शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों और शिक्षकों के साथ वार्ता करते हुए यह बात कही। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रियांक खड़गे ने प्रेस वालों को 'भारत जोड़ो यात्रा' के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि, 'राहुल गांधी के साथ कन्नड़ की पहचान को लेकर वार्ता हुई है। फिर उन्होंने कहा कि प्रत्येक मातृभाषा महत्वपूर्ण है। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं। संविधान में सभी को अधिकार प्राप्त है।'
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी खड़गे ने कहा है कि, 'अत: राहुल गांधी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अकेले हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का कोई इरादा नहीं है और आपकी भाषा (कन्नड़) की पहचान को कोई खतरा नहीं है।' उन्होंने कहा कि बातचीत में हिस्सा लेने वाले लोगों ने पुष्टि की है कि वे कांग्रेस पार्टी से जुड़े नहीं हैं, मगर संविधान को बचाने के लिए यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं।
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