नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को एक दिलचस्प घटना हुई, जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को 'किसान के लाडले' के नाम से पुकारा। यह टिप्पणी उस समय आई जब प्रश्नकाल के दौरान किसानों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से जुड़े सवालों पर चर्चा हो रही थी।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने किसानों के दिल्ली मार्च का जिक्र करते हुए सरकार की एमएसपी नीति पर सवाल उठाया। इसके जवाब में सभापति धनखड़ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान, जो पहले 'लाडली बहना' के कारण पहचाने जाते थे, अब 'किसान के लाडले' के रूप में पहचान बना चुके हैं। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि आज से यह नया नाम तय हो गया है।
शिवराज सिंह चौहान ने एमएसपी पर अपनी राय स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार लागत का 50% जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है और किसानों की फसल खरीदने के लिए पूरी कोशिश करती है। उन्होंने किसानों की मदद और आय बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र किया। आरजेडी सांसद मनोज झा ने किसान कर्जमाफी पर सवाल किया, जिसके जवाब में शिवराज ने कहा कि सरकार किसानों की आय इतनी बढ़ाने का प्रयास कर रही है कि उन्हें कर्जमाफी की जरूरत ही न पड़े।
केरल के सांसद जोस के मणि ने किसानों की आय और अन्य वर्गों की आय में अंतर को लेकर सवाल किया। इस पर कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और किसानों के कल्याण के लिए सरकार ने बजट में बड़ी वृद्धि की है। उन्होंने सरकार के छह सूत्रीय कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने और किसानों की आय में सुधार के लिए काम कर रही है।
एमएसपी पर उन्होंने कहा कि जब फसल की दरें एमएसपी से अधिक होती हैं, तो एमएसपी की जरूरत नहीं होती। इसके साथ ही उन्होंने एनडीए और यूपीए सरकारों के कार्यकाल में एमएसपी पर फसल खरीद के आंकड़े भी साझा किए, और सदन को भरोसा दिलाया कि किसानों के हितों की पूरी सुरक्षा की जाएगी।