नई दिल्ली: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने आज शुक्रवार (9 अगस्त) की दोपहर को समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद जया बच्चन के समर्थन में राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। दरअसल, आज एक बार फिर अमिताभ बच्चन का नाम संसद में हंगामे की वजह बना, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उन्हें जया अमिताभ बच्चन कहकर संबोधित किया, इस पर सपा सांसद आगबबूला हो गईं। वे आसान पर आरोप लगाने लगीं, इस पर धनखड़ ने कहा कि, वे वही नाम पढ़ रहे हैं, जो उनके सामने संसद के दस्तावेज़ों में लिखा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले एक बार राज्यसभा के उपसभापति ने जया बच्चन को इस नाम से संबोधित किया था, जिस पर जया भड़क गईं थीं और कहा था कि, मेरी अपनी पहचान है, सिर्फ जया बच्चन कहना ही काफी होता। हालाँकि, इसके बाद खुद सपा सांसद ने ही जाया अमिताभ बच्चन कहकर अपना परिचय दिया था, जिस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हंस पड़े थे कि कभी तो जया इसका विरोध कार्त्ति हैं, तो कभी वे खुद इस नाम से परिचय देती हैं। आज भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब सभापति धनखड़ ने उन्हें जया अमिताभ बच्चन कहकर बोलने के लिए आमंत्रित किया, तो जया नेआसान पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मैं एक कलाकार हूं, लोगों की बॉडी लैंग्वेज और एक्प्रेशन समझती हूं। आपकी टोन सही नहीं है। ये स्वीकार्य नहीं है।
इस पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आपने महान उपलब्धि हासिल की है, आप जानती हैं कि एक्टर, डायरेक्टर का सब्जेक्ट है। आप सेलिब्रिटी हैं। आप मेरी टोन पर सवाल उठा रही, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पर विपक्ष सदन में हंगामा करने लगा और उनकी तरफ से कहा गया कि ये (जया) सीनियर सांसद हैं, आप इन्हें सेलिब्रिटी कैसे कह सकते हैं। इस पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि सीनियर मेंबर चेयर को नीचा दिखा रही हैं। पूरा विपक्ष उपराष्ट्रपति धनखड़ से माफ़ी मांगने के लिए कहने लगा। जिसके बाद पूरा विपक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में दादागिरी नहीं चलेगी के नारे लगाते हुए वॉकआउट कर गया। वॉक-आउट के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि, यह बहुत अपमानजनक अनुभव था।
शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जया बच्चन के पास विशाल संसदीय अनुभव है...उपराष्ट्रपति से भी अधिक, जबकि उनकी तृणमूल कांग्रेस की सहयोगी डोला सेन ने कहा कि जया बच्चन चार बार सांसद रही हैं और सम्मान की हकदार हैं। वहीं, विपक्षी सांसदों के वॉकआउट से भाजपा प्रमुख और राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई, जिन्होंने विरोध को अशोभनीय और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार बताया। वहीं, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैंने विपक्ष का ऐसा अनियंत्रित, अभद्र व्यवहार कभी नहीं देखा। ये सिर्फ़ आसन का ही अपमान नहीं है, ये देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है। ये लोकतंत्र का अपमान है... ये संविधान का अपमान है।
शिवराज ने कहा कि, आज यह साबित हो गया है कि गैरजिम्मेदार विपक्ष देश को अराजकता की ओर धकेलने की कोशिश कर रहा है। विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए। उसने सदन और देश को शर्मसार किया है। हंगामे के बाद में धनखड़ ने कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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