CAA को लेकर क्या बोले अफगानिस्तान से प्रताड़ना झेलकर भारत आए सिख बंधू ?

CAA को लेकर क्या बोले अफगानिस्तान से प्रताड़ना झेलकर भारत आए सिख बंधू ?
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नई दिल्ली: देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के बाद एक ओर जहां विपक्षी दल और मुस्लिम संगठन इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोगों को इस संबंध में फैलाए जा रहे दुष्प्रचार से बचने की सलाह दे रही है। मामला सर्वोच्च न्यायालय में भी पहुंच चुका है, जहाँ कांग्रेस-TMC नेताओं सहित मुस्लिम संगठनों ने CAA के खिलाफ 200 से अधिक याचिकाएं लगा रखीं हैं और सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने को भी राजी हो गया है।

इसी क्रम में CAA पर गुरुद्वारा श्री अर्जन देव जी की गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष और अफगानी सिख एस प्रताप सिंह कि प्रतिक्रिया सामने आई है। उनका कहना है कि इससे पीड़ितों के लिए समाधान निकलेगा। मीडिया से बात करते हुए प्रताप सिंह ने कहा कि, 'जैसे ही 1990 के दशक में वहां (अफगानिस्तान में तालिबान आया) सरकार बदली, हमने (हिन्दू-सिख-बौद्ध) भारत की तरफ पलायन करना शुरू कर दिया। अफगानिस्तान में हमें भारतीय और भारत में हमें अफगानी माना जाना था। हम शुरू से (बंटवारे से पहले) भारतीय रहे हैं, मगर हमें अफगानी सिख का टैग मिला। जो लोग 1991 से यहां हैं, यहीं भारत में जन्मे हैं, उनके पास अब तक भारतीय पासपोर्ट या आधार कार्ड नहीं है। CAA से इन समस्याओं का हल निकलेगा।” उन्होंने कहा कि, यहाँ रहने वाले अफगानी सिख बच्चों के पास कोई दस्तावेज़ नहीं था। CAA कानून के तहत हमें नागरिकता मिलेगी और हमारे कागज़ात बन सकेंगे, जिससे सुविधा मिलेगी। इसके लिए हम पीएम मोदी सहित सभी लोगों का शुक्रिया करते हैं।

 

वहीं, दिल्ली के सीएम और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के पाकिस्तानी घुसपैठिए वाले बयान पर प्रताप सिंह ने कहा कि, “हम कानूनी रूप से भारत में आए हैं। हमने सरकार से कुछ नहीं मांगा है। हम अपना काम कर रहे हैं।” बता दें कि, CAA के विरोध में अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा था, “10 साल में भाजपा कुछ अच्छा काम कर लेती, तो आज ये नहीं करना पड़ता। भाजपा वालों से हमारे बच्चों को घर तो दिया नहीं जाता और पाकिस्तानियों को यहां घर देंगे। ये देश के लिए बहुत ही खतरनाक फैसला है। पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वालों के लिए भाजपा ने देश के दरवाजे खोल दिए हैं।” एक बयान में केजरीवाल ने ये भी कहा था कि इन पाकिस्तानियों को जेल में होना चाहिए। हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, दिल्ली में अवैध रोहिंग्याओं के कई वीडियो सामने आते रहते हैं, जो कबूल करते हैं कि केजरीवाल सरकार ने उन्हें बिजली पानी समेत कई सुविधाएं दी हैं, लेकिन शरणार्थियों को पनाह देने का भी केजरीवाल विरोध कर रहे हैं ? ये समझ से परे है।  

 

उल्लेखनीय है कि, केंद्र सरकार ने साल 2019 में पास हुए CAA को बीती 11 मार्च, 2024 को लागू कर दिया था और नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। नोटिफिकेशन जारी होते ही यह कानून देश भर में लागू हो गया। संसद में ये कानून 4 साल पहले पारित हो चुका था और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उसी समय हरी झंडी दे दी थी। हालांकि अब कानून लागू होन के बाद इसका विरोध शुरू हो गया है।

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