बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी, कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर जैसी कई हस्तियों की फाइव स्टार होटल में संदिग्ध मौत हुई थी. जो कि सनसनीखेज मामला था. होटल में किसी शख्स की नेचुरल डेथ से लेकर मर्डर और सुसाइड तक के मामले में कानून का हस्तक्षेप होता है. इस तरह के मामलों में होटल को तुरंत सील कर दिया जाता है. आइये आपको समझते हैं कि जब एक इंटरनेशनल होटल में इस तरह का मामला आता है तो क्या होता है.
इस बारे में माइक होलोवेक्स जो कि एक इंटरनेशनल होटल में 10 साल तक मैनेजर रह चुके हैं उन्होंने अपने एक ब्लॉग में लिखा है कि यदि किसी इंसान की मौत होटल में हो जाती है तो सबसे पहले उस रूम को सील कर दिया जाता है. जब तक पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंच जाती तब तक होटल का कोई भी स्टाफ कमरे में मौजूद किसी भी चीज को हाथ नहीं लगा सकता.
यह पूरा मामला पुलिस के हाथों में चला जाता है. इसकी के साथ इस मामले से जुड़ी पूरी जांच जब तक पुलिस नहीं कर लेती तब तक होटल के उस कमरे पर किसी का कोई भी अधिकार नहीं होता. जांच पूरी होने के बाद ही होटल उस कमरे का इस्तेमाल कर सकता है. पूरी जांच होने के बाद होटलकर्मी सबसे पहले कमरे की पूरी तरह से सफाई करते हैं. कमरे के हर एक कोने को बारीकी से साफ किया जाता है.
इस मामले में होटल प्रबंध भी काफी सख्त रहता है और मामले से जुड़ी बात को पुलिस के साथ गोपनीय रख सकते हैं. ऐसे मामलों में होटल मैनेजमेंट की कोशिश रहती है कि उस रूम का नंबर किसी को मालूम न हो क्योंकि उस से लोग उस कमरे में रुकने से कतराते हैं. ऐसे में होटल के मालिक को नुकसान होता है.
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