नई दिल्ली: आज गुरुवार (19 दिसंबर) सुबह भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुला। सेंसेक्स में 1100 अंकों से अधिक की भारी गिरावट थी, जबकि निफ्टी ने 400 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की। शुरुआती झटके के बाद स्थिति थोड़ी संभली, लेकिन बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा।
फ़िलहाल, सेंसेक्स 917 अंकों की गिरावट के साथ 79,238.08 पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी-50, 283 अंकों की गिरावट के साथ 23,914.95 पर पहुंच गया है। बैंक निफ्टी भी इस गिरावट से अछूता नहीं रहा और इसमें 744 अंकों की कमी देखी गई। बीएसई सेंसेक्स के टॉप 30 शेयरों में से सिर्फ दो शेयर बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं, बाकी सभी लाल निशान में हैं। दिग्गज कंपनी इंफोसिस के शेयरों में सबसे ज्यादा 3% की गिरावट दर्ज की गई। टीसीएस, एचसीएल, महिंद्रा, और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में लगभग 2% की गिरावट रही। एशियन पेंट्स के शेयर भी 2% से अधिक गिरकर कारोबार कर रहे हैं।
निफ्टी के 50 में से 47 शेयर दबाव में नजर आए। स्मॉल और मिड कैप कंपनियों पर भी असर पड़ा। त्रिवेणी टर्बाइन, फाइव स्टार बिजनेस, सोनाटा सॉफ्टवेयर, भारती हेक्साकॉम, नायका, और कोचिन शिपयार्ड के शेयर लगभग 3% तक लुढ़क गए। इस बड़ी गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व का देर रात ब्याज दरों में कटौती का ऐलान करना रहा।
दरअसल, अमेरिकी फेडरल बैंक ने ब्याज दर में 0.25% की कटौती की है और आने वाले समय में दो और कटौती की संभावना जताई है। यह घोषणा बाजार को रास नहीं आई और अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट दर्ज हुई। अमेरिकी बाजार की इस गिरावट का असर सीधे तौर पर एशियाई और भारतीय बाजारों पर भी पड़ा। निवेशकों में अनिश्चितता और घबराहट का माहौल बना, जिसके चलते शेयरों की बिकवाली तेज हो गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल बैंक की ब्याज दरों में कटौती से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता का दौर जारी रह सकता है। भारतीय बाजार पर इसका असर फिलहाल बना रह सकता है, खासकर बड़ी आईटी और बैंकिंग कंपनियों के शेयरों में इसका बड़ा प्रभाव दिख सकता है। हालांकि, कुछ निवेशकों को उम्मीद है कि जैसे-जैसे बाजार इन घोषणाओं को पचा लेगा, वैसे-वैसे स्थिति में सुधार आ सकता है। लेकिन फिलहाल, बाजार में सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।