मथुरा के वृंदावन में प्रवचन करने वाले हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज अक्सर अपने प्रवचनों से ख़बरों में रहते हैं। सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज का एक और वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्होंने बताया है कि मृत्यु के समय मनुष्य के साथ क्या होता है। प्रवचन के चलते प्रेमानंद महाराज से जब पूछा गया कि मृत्यु के वक़्त मनुष्य के विचार कर्मों के मुताबिक होंगे या कुछ और?
वही इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जो हमने जीवन भर किया है, उसी का फाइनल चिंतन हमारे सामने आएगा। आगे उन्होंने कहा, 'आपके कर्म के मुताबिक यही चिंतन अगली गति का निर्माण कर देगी। इसमें भगवत कृपा विशेष काम करेगा।' यदि आपने भगवान का आश्रय लिया है तो हो सकता है मृत्यु के वक़्त कोई ऐसा भक्त आएगा जो नाम कीर्तन करने लगे। अन्यथा प्रायः जीवन भर जो हम करते हैं, आखिर में वही हमारा फैसला बन जाता है। आखिरी वक्त्यादी भगवान का नाम स्मरण हो जाए तो उसका निश्चित कल्याण हो जाता है। आगे प्रेमानंद महाराज ने कहा कि पूरे जीवन का प्रयास तो यही रहता है कि आखिरी वक़्त में भगवान का नाम हो, रूप हो और ध्यान हो।
बता दे कि प्रेमानंद जी महाराज का जन्म यूपी के कानपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। प्रेमानंद जी के बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है। इनके पिता का नाम श्री शंभू पांडे और माता का नाम श्रीमती रामा देवी है। सबसे पहले प्रेमानंद जी के दादाजी ने संन्यास ग्रहण किया। इसके साथ ही इनके पिताजी भी भगवान की भक्ति करते थे तथा इनके बड़े भाई भी प्रतिदिन भगवत का पाठ किया करते थे। प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन में राधारानी के भजन-कीर्तन करते हैं। वे भजन मार्ग व कथा के द्वारा मोक्ष प्राप्ति का ज्ञान देते हैं।
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