क्या है 'अग्निपथ योजना' और क्यों देशभर में किया जा रहा है इसका विरोध?

क्या है 'अग्निपथ योजना' और क्यों देशभर में किया जा रहा है इसका विरोध?
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नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में भर्ती प्रक्रिया में बड़े परिवर्तन के लिए 'अग्निपथ भर्ती योजना' (Agnipath recruitment scheme) की घोषणा की थी। राजनाथ सिंह ने कहा कि अग्निपथ भर्ती योजना के तहत सेना में 4 वर्षों के लिए युवाओं को भर्ती कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें नौकरी से छोड़ते समय सेवा निधि पैकेज प्राप्त होगा। इस योजना के तहत सेना में सम्मिलित होने वाले युवाओं को अग्निवीर बोला जाएगा। वही इस योजना के लौ होते ही देशभर में युवा प्रदर्शन को उतर आए है आइये इससे जुड़ी हर जानकारी हम आपको बताते है कि क्या है अग्निपथ योजना और इसको लेकर क्यों देशभर में प्रदर्शन हो रहा है....
 
अग्निपथ योजना की बड़ी बातें:-
- युवाओं को 4 वर्षों के लिए सेना में भर्ती कराया जाएगा। 
- इस के चलते अग्निवीरों को आकर्षण वेतन प्राप्त होगा।
- सेना की 4 वर्ष की नौकरी के बाद युवाओं को भविष्य के लिए और मौके दिए जाएंगे। 
- 4 वर्ष की नौकरी के बाद सेवा निधि पैकेज प्राप्त होगा।
- इस योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले अधिकांश जवानों को 4 वर्ष बाद मुक्त कर दिया जाएगा। हालांकि, कुछ जवान अपनी नौकरी को जारी रख सकेंगे।
- 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के युवाओं को अवसर प्राप्त होगा। 
- ट्रेनिंग 10 सप्ताह से 6 महीने तक होगी। 
- 10/12वीं के विद्यार्थी कर सकेंगे आवेदन। 
- 90 दिन अग्निवीरों की पहली भर्ती होगी। 
- यदि कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है, तो उसके घरवालों को सेवा निधि समेत 1 करोड़ रुपए से अधिक की रकम ब्याज सहित मिलेगी। इसके अतिरिक्त बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा।
- वहीं, यदि कोई अग्निवीर डिसेबिल हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी। इसके अतिरिक्त बाकी बची नौकरी का भी वेतन मिलेगा। 
- पूरे देश में मेरिट के आधार पर भर्तियां होंगी। जो लोग इन भर्ती परीक्षा में चयनित होंगे, उन्हें चार वर्ष के लिए नौकरी मिलेगी। 

40 हजार रुपये तक मिलेगा वेतन:-
इस योजना के तहत प्रति वर्ष लगभग 45 हजार युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा। ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी। चयनित युवाओं को चार वर्षों के लिए सेना में सेवा देने का अवसर मिलेगा। इन चार वर्षों में अग्निवीरों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी। अग्निवीरों को 30 हजार से 40 हजार प्रतिमाह वेतन और अन्य लाभ दिए जाएंगे। इन दौरान अग्निवीर तीनों सेनाओं के स्थायी सैनिकों की तरह अवॉर्ड, मेडल और इंश्योरेंस कवर पाएंगे। 48 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा।
यदि सेवा के दौरान शहीद या दिव्यांग हो गए, तो उनके परिवार को 44 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। चार वर्ष पूरे होने के बाद 25 फीसदी को फिर सेना में 15 साल और सेवा करने का अवसर मिलेगा। चार साल बाद जो अग्निवीर बाहर होंगे, उन्हें सेवा निधि पैकेज के तहत टैक्स फ्री लगभग 12 लाख रुपये एकमुश्त दिए जाएंगे।

क्यों किया गया फैसला:-
- देश की सेवा की भावना रखने वाले युवाओं को अवसर प्राप्त होगा। 
- सेना में शॉर्ट एवं लॉन्ग टर्म नौकरी का अवसर प्राप्त होगा। 
- तीनों सेनाओं में युवाओं की हिस्सेदारी बढ़ेगी। 

4 साल पूरे होने के बाद क्या करेंगे अग्निवीर:-
सवाल उठ रहे थे कि चार वर्ष पूरे होने के बाद भले ही 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती कर लिया जाएगा, मगर बाकी 75 फीसदी युवाओं के पास चार साल बाद क्या विकल्प होगा। इस पर केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि बहुत से मंत्रालयों और राज्य सरकारों ने यह इच्छा जताई है कि उनके मंत्रालयों, कॉरपोरेशनों में यदि कोई भर्ती निकलती है, जो अग्निवीरों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी। नई योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने इस योजना में 4 वर्ष पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का फैसला किया है। वहीं, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि अग्निपथ योजना के तहत सेवा के चार साल बाद अग्निवीरों को यूपी पुलिस और अन्य संबंधित सेवाओं में प्राथमिकता दी जाएगी। 


अग्निपथ भर्ती योजना का क्यों हो रहा है विरोध?
दरअसल, सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में 4 वर्ष की नौकरी के लिए अग्निपथ भर्ती योजना आरम्भ की। इसके तहत 90 दिनों के अंदर लगभग 46 हजार भर्तियां होनी है। बताया गया है कि ये भर्तियां देश के सभी 773 जिलों से होंगी। किन्तु कई युवा इससे खुश नहीं है। कहा जा रहा है कि इससे बीते 2 वर्षो में हुई परीक्षाओं का कोई औचित्य नहीं रह गया, क्योंकि बताया गया कि वो भर्तियां भी इसी प्रोग्राम के तहत होंगी। परीक्षा देकर परिणाम का इंतजार कर रहे कई विद्यार्थी सरकार के इस फैसले से नाराज हैं। सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी गुस्सा देखा जा रहा है। युवा का सवाल हैं कि 25 प्रतिशत अग्निवीरों को तो कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के बाद स्थायी काडर में सम्मिलित कर लिया जाएगा, किन्तु बाकी 75 प्रतिशत अग्निवीरों का 4 वर्ष पश्चात् क्या होगा। उन्हें भत्ता तो सरकार दे देगी, किन्तु नौकरी कहां से आएगी?

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