भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा में महिलाओं के लिए सबसे बड़ी राज्य-प्रायोजित योजना 'सुभद्रा योजना' का शुभारंभ करने पहुंचे हैं। यह लॉन्चिंग उनके जन्मदिन के अवसर पर हो रही है। इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ आंगनवाड़ी और जनसेवा केंद्रों के बाहर जमा हो गई है, और लोग अपने आधार को मोबाइल नंबर से लिंक करवा रहे हैं। कई जगहों पर भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया, जिससे भगदड़ जैसे हालात पैदा हो गए।
पिछले महीने राज्य सरकार ने घोषणा की थी कि इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की एक करोड़ महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। पांच साल के दौरान महिलाओं को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे, जो कि हर साल दो किस्तों में 10 हजार रुपये के रूप में सीधे बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर किए जाएंगे। पहली किस्त अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर और दूसरी रक्षाबंधन पर जारी की जाएगी। इस योजना की लॉन्चिंग के लिए भुवनेश्वर में बड़े स्तर पर तैयारियां की गई हैं। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि अब तक 60 लाख महिलाओं ने अपना पंजीकरण करा लिया है। इसके लिए 'सुभद्रा पोर्टल' की शुरुआत की गई है और राज्य सरकार ने इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 'सुभद्रा पदयात्रा' का आयोजन भी किया था। मुख्यमंत्री मोहन मांझी की सरकार ने इस योजना के लिए पांच साल में 55,825 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है।
इससे पहले, बीजेडी सरकार 'कालिया योजना' के तहत 12 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही थी। 'सुभद्रा योजना' का नाम भगवान श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा के नाम पर रखा गया है। चुनाव से पहले बीजेपी ने महिलाओं को 50 हजार करोड़ रुपये का लाभ देने का वादा किया था, जिससे उन्हें भारी समर्थन मिलने की उम्मीद है। बीजेडी की नेता प्रमिला मलिक ने इस योजना की आलोचना की है, उन्होंने कहा कि 10 हजार रुपये की राशि अपर्याप्त है और बीजेपी ने दो साल में ही महिलाओं को 50 हजार करोड़ रुपये देने का वादा किया था, लेकिन यह योजना मात्र वोट पाने की एक चाल है।
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