आखिर क्या है ब्रेन रॉट, जानिए

आखिर क्या है ब्रेन रॉट, जानिए
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ब्रेन रॉट" एक नया शब्द हो सकता है, लेकिन इसका असर हमारे आस-पास के लोगों पर आसानी से देखा जा सकता है। यह एक स्थिति है जिसमें लोग डिजिटल कंटेंट और सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने के कारण मानसिक थकावट और ध्यान की कमी का सामना करते हैं। इसे डिजिटल या मानसिक थकान भी कहा जा सकता है।

आसान शब्दों में, जब लोग सोशल मीडिया पर हल्के-फुल्के कंटेंट जैसे "चिन तपाक डम डम" या "मैं हूं कल्लू कालिया" पर हंसते हैं और इन्हीं बातों को बार-बार दोहराते हैं, तो धीरे-धीरे ये आदत उनकी सोच को सीमित कर देती है।

ब्रेन रॉट का असर

स्मार्टफोन अब हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं, लेकिन इसकी लत हमें नुकसान पहुंचा रही है। आजकल माता-पिता अपने बच्चों को झुनझुने की जगह स्मार्टफोन दे देते हैं, और कई बार तो बच्चे फोन नहीं मिलने पर अजीब हरकतें करने लगते हैं।

अगर यह लत बढ़ती रही, तो भविष्य में इसके परिणाम और भी खतरनाक हो सकते हैं। न सिर्फ बच्चे, बल्कि बड़े भी इस लत का शिकार हो रहे हैं, और यह लत कब ब्रेन रॉट में बदल जाती है, इसका पता लोगों को नहीं चल पा रहा है।

ब्रेन रॉट के लक्षण

ब्रेन रॉट की पहचान डिजिटल कंटेंट की लत के रूप में की जा सकती है। इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • ध्यान की कमी: लंबे समय तक किसी एक काम पर ध्यान नहीं टिक पाता और व्यक्ति बार-बार अपना फोन चेक करता है।
  • थकान: अत्यधिक स्क्रीन टाइम के कारण मानसिक और शारीरिक थकावट महसूस होती है।
  • याददाश्त में समस्या: छोटी-छोटी चीजें भूलने की आदत हो जाती है।
  • बेचैनी: व्यक्ति को जल्दी-जल्दी काम निपटाने की आदत लग जाती है और धैर्य की कमी होती है।
  • सिर्फ एंटरटेनमेंट: मानसिक थकावट से बचने के लिए व्यक्ति केवल एंटरटेनमेंट कंटेंट पर निर्भर रहता है और रील्स/शॉर्ट्स देखता रहता है।

ब्रेन रॉट से बचने के उपाय

  • डिजिटल डिटॉक्स: समय-समय पर अपने आप को स्मार्टफोन और अन्य डिजिटल डिवाइस से दूर रखें।
  • फिजिकल एक्टिविटी: नियमित व्यायाम या अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल हों, इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
  • रेगुलर नींद: पर्याप्त और गहरी नींद लें, जो मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है।
  • क्रिएटिव एक्टिविटीज: पेंटिंग, संगीत, या पढ़ाई जैसी क्रिएटिव एक्टिविटीज में भाग लें, जिससे आपकी सोच में सुधार होगा।
  • माइंडफुलनेस: ध्यान और मेडिटेशन की प्रैक्टिस करें, इससे मानसिक शांति बनाए रखने में मदद मिलेगी।

अगर आपको या आपके किसी करीबी को इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो समय पर ध्यान दें और डिजिटल डिवाइस से थोड़ी दूरी बनाएं। यह आपकी मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेगा।

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