ब्रेन रॉट" एक नया शब्द हो सकता है, लेकिन इसका असर हमारे आस-पास के लोगों पर आसानी से देखा जा सकता है। यह एक स्थिति है जिसमें लोग डिजिटल कंटेंट और सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताने के कारण मानसिक थकावट और ध्यान की कमी का सामना करते हैं। इसे डिजिटल या मानसिक थकान भी कहा जा सकता है।
आसान शब्दों में, जब लोग सोशल मीडिया पर हल्के-फुल्के कंटेंट जैसे "चिन तपाक डम डम" या "मैं हूं कल्लू कालिया" पर हंसते हैं और इन्हीं बातों को बार-बार दोहराते हैं, तो धीरे-धीरे ये आदत उनकी सोच को सीमित कर देती है।
ब्रेन रॉट का असर
स्मार्टफोन अब हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं, लेकिन इसकी लत हमें नुकसान पहुंचा रही है। आजकल माता-पिता अपने बच्चों को झुनझुने की जगह स्मार्टफोन दे देते हैं, और कई बार तो बच्चे फोन नहीं मिलने पर अजीब हरकतें करने लगते हैं।
अगर यह लत बढ़ती रही, तो भविष्य में इसके परिणाम और भी खतरनाक हो सकते हैं। न सिर्फ बच्चे, बल्कि बड़े भी इस लत का शिकार हो रहे हैं, और यह लत कब ब्रेन रॉट में बदल जाती है, इसका पता लोगों को नहीं चल पा रहा है।
ब्रेन रॉट के लक्षण
ब्रेन रॉट की पहचान डिजिटल कंटेंट की लत के रूप में की जा सकती है। इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
ब्रेन रॉट से बचने के उपाय
अगर आपको या आपके किसी करीबी को इन लक्षणों का अनुभव हो रहा है, तो समय पर ध्यान दें और डिजिटल डिवाइस से थोड़ी दूरी बनाएं। यह आपकी मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेगा।
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