नई दिल्ली: दिल्ली के एक अस्पताल में संक्रामक रोग डिप्थीरिया से मरने वालों की संख्या में कमी देखने को नहीं मिल रही है, हाल ही में आई रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर दिल्ली में इस बीमारी से दो अन्य लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. इस तरह अब तक इस बीमारी से कुल 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमे से 5 दिल्ली के रहवासी हैं, जबकि अन्य लोग देश के विभिन्न राज्यों से दिल्ली उपचार करने पहुंचे हैं.
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गौरतलब है कि दिल्ली के किंग्सवे कैंप स्थित महर्षि वाल्मीकि संक्रामक बीमारी अस्पताल उत्तर भारत का एकमात्र ऐसा अस्पताल है, जहां संक्रामक रोगों का इलाज किया जाता है. एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि 6 सितम्बर से इस तरह के मामले देखने में आ रहे हैं, तब से लेकर अब तक डिप्थीरिया से ग्रसित कुल 183 लोग उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश इनमे से 23 लोगों की मौत हो चुकी है.
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आपको बता दें कि डिप्थीरिया के अलावा दिल्ली में मलेरिया का भी कहर देखने को मिला है, अगस्त महीने के शुरुआती 4 दिन में ही मलेरिया के 21 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं मौसम में बदलाव के चलते मछरों से होने वाली बिमारियों से 109 लोग ग्रसित हो चुके हैं. खुद दिल्ली ने नगर निगम ने पुष्टि करते हुए ये आंकड़े जारी किए हैं.
आखिर क्या है डिप्थीरिया ?
डिप्थीरिया नमल इस बीमारी को गलघोंटू के नाम से भी जाना जाता है, मुख्य रूप से यह बीमारी कॉरीनेबैक्टेरियम डिफ्थीरिया बैक्टीरिया के संक्रमण से होती है, इसके बैक्टीरिया टांसिल व श्वास नली को संक्रमित करते हैं, जिस से सांस लेने में परेशानी का अनुभव होता है. इस संक्रमण में श्वास नली में एक झिल्ली बन जाती है जिस से साँस लेने में तकलीफ होती है और कई बार इस वजह से व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है. यह रोग संक्रामक है यानि संपर्क में आने पर भी फैलता है.
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