हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं। हिजबुल्लाह के समर्थकों में गुस्सा है, जिससे दुनियाभर में फैले यहूदी समुदाय और इजरायलियों के लिए खतरा बढ़ गया है। खासकर हिजबुल्लाह की यूनिट 910, जिसे सबसे खतरनाक माना जाता है, इजरायली नागरिकों और यहूदी समुदाय को निशाना बना सकती है। आइए समझते हैं कि यूनिट 910 क्या है और यह कैसे काम करती है।
क्या है यूनिट 910?: यूनिट 910, जिसे 'ब्लैक यूनिट' या 'शैडो यूनिट' के नाम से भी जाना जाता है, हिजबुल्लाह की एक विशेष ऑपरेशनल यूनिट है। इसका मुख्य उद्देश्य गुप्त मिशन और इजरायल के खिलाफ छापामार हमले करना है। यह यूनिट आतंकवाद, सायबर हमलों और असामान्य युद्ध रणनीतियों में प्रशिक्षित मानी जाती है। इसके सदस्य खासकर गुप्त ऑपरेशनों और आतंकवादी गतिविधियों में माहिर होते हैं। यूनिट 910 का प्रमुख काम इजरायल के खिलाफ खुफिया और प्रभावी हमले करना है, जिससे यह इजरायल के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुकी है।
यूनिट 910 के सदस्य कहां-कहां हैं?: यूनिट 910 केवल लेबनान तक सीमित नहीं है। यह यूनिट दुनियाभर में मौजूद है और इसके ऑपरेटिव अफ्रीका, एशिया, अमेरिका और यूरोप जैसे कई हिस्सों में सक्रिय हैं। हिजबुल्लाह के यह सदस्य इजरायली नागरिकों और यहूदी समुदाय को निशाना बनाने के लिए तैनात हैं। खास बात यह है कि यूनिट 910 का ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड से गहरा संबंध है, जिससे इसे और भी ताकत मिलती है। 32 साल पहले हिजबुल्लाह के पूर्व नेता अब्बास अल-मुसावी की हत्या के बाद, इस यूनिट ने सफलतापूर्वक जवाबी हमले किए थे, जिससे इसकी ताकत और कुशलता साबित हुई थी।
यूनिट 910 क्यों मानी जाती है खतरनाक?: यूनिट 910 हिजबुल्लाह की सबसे खतरनाक शाखाओं में से एक मानी जाती है। इसकी कमान तलाल हमियाह के पास है, जिसे अबू जाफर के नाम से भी जाना जाता है। यह यूनिट उन इलाकों में काम करती है, जहां पहले से आतंकवादी ढांचे तैयार किए गए होते हैं, ताकि तत्काल हमले किए जा सकें। हाल के दिनों में इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव काफी बढ़ा है, और यूनिट 910 की गतिविधियां इस तनाव को और बढ़ा सकती हैं। इससे यह आशंका है कि इस क्षेत्र में युद्ध की संभावना भी बढ़ सकती है। यूनिट 910 हिजबुल्लाह की सबसे ताकतवर और खतरनाक यूनिट है, जिसका मुख्य उद्देश्य गुप्त ऑपरेशनों के जरिए इजरायल को नुकसान पहुंचाना है। इसकी गतिविधियां दुनियाभर में फैले यहूदी समुदाय और इजरायल के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती हैं, खासकर जब हिजबुल्लाह के समर्थकों में नसरल्लाह की मौत के बाद गुस्सा भड़क रहा है।
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