हॉकी दुनिया के प्रसिद्ध खेलों में से एक है. यह खेल भारत का राष्ट्रीय खेल भी है. हॉकी का पहला विश्वकप साल 1971 में आयोजित किया गया था. हॉकी का जलवा ओलम्पिक, एशियन कप, एशियाई खेल, यूरोपियन कप और पैन-अमेरिकी खेल में भी देखने को मिलता है. हॉकी का इतिहास 700 साल पुराना है. आयरलैंड में इसे हार्लिंग नाम से खेला जाता था. वहीं आधुनिक युग में इस खेल को विकसित करने का श्रेय इंग्लैंड को जाता है. आपको बता दें कि हॉकी बर्फ में भी खेला जाता है और उसे आइस हॉकी कहा जाता है.
हॉकी खेल के नियम...
- पुरुष और महिला दोनों ही हॉकी खेलते हैं. इसमें दो टीमें हिस्सा लेती है. फुटबॉल और क्रिकेट की तरह हॉकी में भी दोनों टीमों में 11-11 खिलाड़ी होते हैं.
- हॉकी कुल 70 मिनट तक खेला जाता है. इसमें 35-35 मिनट के दो राउंड होते हैं.
- दोनों ही राउंड में 5 मिनट का ब्रेक खिलाड़ियों को मिलता है.
- हॉकी के मैदान में 2 गोल पोस्ट मौजूद होते हैं. दोनों टीमों का निशाना विरोधी टीम का गोल पोस्ट होता है.
- खेल के मुख्य उपकरण हॉकी स्टिक और सफ़ेद गेंद होती है. हॉकी स्टिक से गेंद को मारते हुए उसे गोल पोस्ट में पहुंचाना खिलाड़ियों का मुख्य कार्य होता है.
- दोनों टीमों में एक-एक गोलकीपर भी होता है. गोलकीपर का काम गेंद को गोल पोस्ट में जाने से रोकना होता है.
क्या हॉकी में कैच भी लिया जा सकता है ?
यह सवाल बड़ा ही रोचक है और आपको सुनने में शायद थोड़ा अजीब भी लगे लेकिन हम आपको बता दें कि जी हाँ...हॉकी में गेंद को कैच भी किया जा सकता है. गेंद अगर हवा में हो तो खिलाड़ी इसे कैच कर सकते हैं, हालांकि गेंद अगले ही पल खिलाड़ी की स्टिक में होना चाहिए. कैच लेने के बाद इस काम में अधिक समय नहीं लगना चाहिए. कैच करने के बाद गेंद को सीधे स्टिक पर ही रखना होता है, ऐसा नहीं कि गेंद को गोल पोस्ट की ओर फेंक दें.
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