इस बार खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर से होने जा रही है तथा समापन 16 जनवरी को होगा। खरमास आरम्भ होने के पश्चात् अगले 30 दिनों तक मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तभी खरमास की शुरुआत होती है। दरअसल, खरमास शुरू होने में केवल 18 दिन ही शेष है तथा इस बीच कोई भी मांगलिक कार्य करना बेहद अशुभ माना जाता है।
खरमास क्या होता है
खरमास तब लगता है जब सूर्य देव धनु ततः मीन राशि में गोचर करते हैं। क्योंकि इस के चलते सूर्य के कारण बृहस्पति निस्तेज हो जाते हैं जिस कारण शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। बता दें शुभ कार्यों में बृहस्पति की मौजूदगी जरुरी होती है।
खरमास में कौन से कार्य कर सकते हैं
खरमास के दिनों में मकान, प्लॉट या रियल स्टेट से जुड़ी खरीदारी कर सकते हैं। खरमास में वाहन की खरीदारी कर सकते हैं। आप चाहें तो गोल्ड की बुकिंग कर सकते हैं।
खरमास के नियम:-
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, खरमास के महीने में पूजा-पाठ,तीर्थ यात्रा, मंत्र जाप, भागवत गीता, रामायण पाठ तथा विष्णु भगवान की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। खरमास के चलते दान, पुण्य, जप, और भगवान का ध्यान लगाने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस मास में महादेव आराधना करने से कष्टों का निवारण होता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर तांबे के लोटे में जल, रोली या लाल चंदन, शहद लाल पुष्प डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इस महीने में सूर्यदेव को अर्घ्य देना बहुत लाभदायी है।
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