नौतपा के बारे में आप सभी ने सुना होगा। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं यह कब से लगेगा। जी दरअसल सूर्य वृष राशि के 10 से 20 अंशों तक होता है तो रोहिणी नक्षत्र में इसका स्थान माना गया है। जी हाँ और इस समय के दौरान में सूर्य पृथ्वी के सबसे निकटस्थ भी माना जाता है। वहीं इस दौरान सूर्य के ताप का असर भी दिखाई देता है। सूर्य इस नक्षत्र में लगभग 15 दिनों तक रह सकता है। ऐसे में आरंभ के समय के दौरान ताप में वृद्धि देखने को मिलती है इस कारण से इस समय को गर्मी की अधिकता के लिए भी जाना जाता है। इसी के साथ रोहिणी नक्षत्र में सूर्य का गोचर 25 मई 2022 को दोपहर 14:51 बजे से शुरू होगा। आपको बता दें कि सूर्य लगभग हर 15 दिनों में एक नक्षत्र का प्रभाव दर्शाता है, लेकिन रोहिणी में अपनी यात्रा जब करता है तो स्थिति काफी अलग दिखाई देती है।
वहीं सूर्य शनि का समसप्तक योग में होना स्थिति की अनुकूलता में कुछ कमी को भी दर्शाता है इस स्थिति के दौरान मौसम में अचानक होने वाले बदलाव भी दिखाई देंगे जिसके कारण स्थितियां कुछ परेशानी भी दिखाएगी। जी दरअसल इसे नक्षत्र को नौतपा कहा जाता है और इस समय पर जब सूर्य इस नक्षत्र में आता है तो पृथ्वी का ताप वृद्धि को पाता है। आपको बता दें कि सूर्य 8 जून तक 12:47 तक यही रहने वाला इसके बाद मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश होने पर रोहिणी के साथ संबंध समाप्त होगा। वहीं सूर्य देव की ये पूरी रोहिणी नक्षत्र यात्रा के आरंभिक नौ दिनों का समय बहुत अधिक मात्रा में ताप या कहें गर्मी की वृद्धि को दर्शाने वाला होता है। जी हाँ और इस कारण से इस समय को नौतपा कहा जाता है।
आप सभी को बता दें कि रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के भ्रमण करने की यह समय अवधि 14 से 15 दिनों तक की हो सकती है। ऐसे में इस समय आने वाली बारीश उसके असर के चक्र को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य संक्रांति के समय, चंद्र नक्षत्र की शुभता, रोहिणी का वास समुद्र तट पर है होना अच्छी वर्षा तथा अन्य प्रकार की स्थिति को प्रभावित रोहिणी नक्षत्र का जब समुद्र तट पर निवास होता है तो इस स्थिति को बरसात के मौसम में अच्छी बारिश का संकेत माना जाता है।
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