नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण को लेकर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) से कहा है कि जिन लोगों ने रूस की स्पुतनिक-5 (Sputnik V) वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक ली है, उनके लिए अब तीसरी डोज या फिर बूस्टर डोज के लिए क्या विकल्प हो सकता है. बता दें कि रूसी वैक्सीन निर्माताओं को कोरोना की दूसरी खुराक बनाने में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्र ने जानकारी दी है कि हमने NTAGI से पूछा है कि ऐसे लोगों को बूस्टर डोज में क्या दिया जाए, जो कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-5 की खुराक ले चुके हैं. हालांकि इस बारे में NTAGI की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया है. सलाहकार समूह की तरफ से कहा गया है कि जिन लोगों को बूस्टर डोज के तौर पर AD-26 कॉम्पोनेंट दिय़ा जा रहा है, उनके डाटा का अध्ययन किया जा रहा है. सूत्रों ने बताया है कि NTAGI उन केसों का भी अध्ययन करेगा, जिन्होंने रूसी वैक्सीन Sputnik V की पहली और दूसरी खुराक ली है, इसके बाद उन्हें किसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है.
बता दें कि Sputnik V वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक अलग-अलग हैं. दरअसल, डोज-1 एडेनो-वेक्टर एडी 26, जबकि दूसरी डोज एडेनो-वेक्टर एडी-5 घटक है. बता दें कि रूसी वैक्सीन निर्माताओं को दूसरी डोज़ तैयार करने में तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक स्पुतनिक की 12,23,199 डोज़ दी जा चुकी है.
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