लखनऊ: चरमपंथी इस्लामी संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नाम आजकल चर्चाओं में है. उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में PFI का नाम प्रमुखता से सामने आया है. बता दें, PFI 2006 में केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के मुख्य संगठन के तौर पर शुरू हुआ था.
केंद्रीय एजेंसियों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से साझा किए गए ताजा खुफिया इनपुट और गृह मंत्रालय के अनुसार, यूपी में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध के दौरान शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, वाराणसी, आजमगढ़ और सीतापुर इलाकों में PFI सक्रिय रहा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि PFI ने NDF, मनिथा नीति पासराई, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और अन्य संगठनों के साथ मिलकर कई प्रदेशों में काफी हासिल कर ली है और वह पिछले दो वर्षों से उत्तर प्रदेश में अपना आधार फैला रहा है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तत्कालीन मायावती सरकार की तरफ से शुरू किए गए सख्त उपायों ने PFI सदस्यों को उत्तर प्रदेश छोड़ने के लिए बाध्य किया था, किन्तु उन्होंने पिछले दो साल में राज्य में पैठ बनानी शुरू कर दी है. पश्चिमी यूपी के शामली जिले में 19 दिसंबर से PFI के 14 सदस्यों सहित 28 लोगों को अरेस्ट किया गया है, जो कथित रूप से CAA के विरोध प्रदर्शनों के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों को भड़काने का प्रयास कर रहे थे.
देश में जल्द दौड़ेगी दूसरी तेजस ट्रेन, इस तरह से कर पाएंगे बुकिंग
लालू के दरबार में पहुंचे प्रदीप यादव, कहा- हम पूरी मजबूती के साथ गठबंधन
नए साल में ग्राहकों को तोहफा देने जा रही RBI, KYC को लेकर किया बड़ा ऐलान