आज के समय में है कोई इस बात को जनता ही होगा की हमे फ़ोन खरीदते समय इस दो चीजों के बारे में सुना ही होगा कस्टम एंड्रॉइड और स्टॉक एंड्रॉइड. लेकिन क्या आपने कभी इस पर गौर किया है कि यह है क्या? आखिर इनका मोबाइल में काम क्या होता है और इन दोनों में क्या फर्क होता है? स्टॉक एंड्रॉइड गूगल का ओरिजिनल एंड्रॉइड वर्जन होता है, जिसमें आपको बेसिक फीचर्स मिलते हैं, जबकि कस्टम एंड्रॉइड कंपनी द्वारा गूगल से खरीदा जाता है, जिसमें कंपनी गूगल के एंड्रॉइड को ही कस्टमाइज करके मोबाइल में बेहतर फीचर मिलता है.
यूजर इंटरफेस:
जानकारी के अनुसार यूजर इंटरफेस की बात करें तो स्टॉक एंड्रॉइड आपको काफी बेसिक फीचर देता है, वहीं कस्टम एंड्रॉइड में आप बहुत सारे कस्टमाइजेशन कर सकते हैं. जैसे फोन में फॉन्ट बदलना, अलग-अलग थीम सेट करना, एप ऑइकन बदलना और इसमें आप लॉक स्क्रीन को भी बदल देता है.
एप्लीकेशंस में कौन बेहतर?
वही स्टॉक एंड्रॉइड में आपको केवल वही एप्स मिलेंगे जो आपको गूगल की तरफ से मिलते हैं मगर कस्टम एंड्रॉइड में आपने जिस कंपनी का मोबाइल लिया है, उसके एप भी आपको दिया जाता है. जैसे, स्क्रीन रिकॉर्डिंग, कॉल रिकॉर्डिंग और गेम मोड.
सिक्योरिटी के मामले में कौन भारी?
सिक्योरिटी की बात करें तो स्टॉक एंड्रॉयड में आपका मोबाइल काफी ज्यादा सुरक्षित रहता है, जबकि कस्टम एंड्रॉयड में ढेरों थर्ड पार्टी एप्स होते हैं जिनकी वजह से आपके फोन की सिक्योरिटी कम हो चुकी है.
किसकी परफॉर्मेंस बेहतर?
वही मिली जानकारी में स्टॉक एंड्रायड की परफॉर्मेंस कस्टम से बेहतर होती है, लेकिन बहुत सी कंपनियां 10 हजार से ज्यादा महंगे फोन में रैम ऑप्टिमाइजेशन का फीचर देती हैं, जिससे कस्टम एंड्रॉइड की परफॉर्मेंस काफी बेहतर हो जाता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हम इस समय बाजार में अगर आपको स्टॉक एंड्रॉइड फोन चाहिए, तो आप Mi A3 और Google Pixel जैसे स्मार्टफोन में स्टॉक एंड्रॉइड का एक्सपीरिएंस मिलता है अगर आपको कस्टम एंड्रॉइड का एक्सपीरिएंस लेना है तो Mi का MIU, Vivo का फनटच ओएस, One Plus का ऑक्सीजन ओएस और Realme और Oppo में कलर ओएस मिल रहा है.
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