नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (सीडीवी) का उपयोग करके प्रदूषण कम करने की सलाह दी है। उन्होंने पत्र में प्रदूषण से निपटने के लिए पर्याप्त मशीनरी की कमी पर भी चिंता व्यक्त की है।
एलजी सक्सेना ने अपने पत्र में कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने उपकरणों की कमी के बारे में सूचित किया है, जिससे राज्य सरकार और अन्य एजेंसियों के प्रदूषण-रोधी उपायों को प्रभावी बनाने में मुश्किल हो रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि 1 नवंबर से फरवरी के अंत तक सीडीवी का इस्तेमाल प्रदूषण कम करने की गतिविधियों में किया जाए। एलजी ने सुझाव दिया कि संभागीय आयुक्त उन सीडीवी को वापस बुलाएं, जो 31 अक्टूबर 2023 तक सक्रिय थे, ताकि वे इन प्रदूषण-रोधी कार्यों में शामिल हो सकें। उन्होंने सीडीवी के रोजगार के मुद्दों पर भी ध्यान दिलाते हुए सरकार को इस समस्या का न्यायपूर्ण समाधान करने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने एससी, एसटी, ओबीसी, और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए आरक्षण मानदंडों का पालन करने की भी सिफारिश की।
वहीं, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 385 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों ने बताया है कि पराली जलाना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन यह दिल्ली के प्रदूषण का एकमात्र कारण नहीं है। इसके अलावा भी कई कारक हैं जो प्रदूषण में योगदान करते हैं। उन्होंने कहा कि किसान फसल कटाई और अगली फसल की बुवाई के बीच के कम समय के चलते पराली जलाने को मजबूर होते हैं, क्योंकि उनके पास इससे निपटने के अन्य साधनों की कमी होती है।
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