नई दिल्ली: एक देश एक कानून के उद्देश्य से लाई जा रही समान नागरिक संहिता (UCC) पर कांग्रेस का स्टैंड क्या है, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है। बता दें कि , मुस्लिम समुदाय बड़ी तादाद में कांग्रेस को वोट देता है और मुस्लिमों का सबसे बड़ा संगठन AIMPLB पूरी ताकत से UCC का विरोध कर रहा है, यहाँ तक कि मस्जिदों में इसके विरोध में पर्चे भी बंटवा दिए गए हैं, ताकि ये सभी मुसलमानों तक पहुँच जाए। हालाँकि, CAA-NRC जैसे मुद्दों पर मुस्लिम समुदाय के साथ खड़ी रहने वाली कांग्रेस फिलहाल UCC पर मौन है। हालाँकि, कांग्रेस लव जिहाद और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी बयान देने से बचती रही है, प्रतिक्रिया देती भी है तो इसे झूठ बता देती है, ताकि समुदाय उससे नाराज़ न हो जाए। इसलिए अभी कांग्रेस UCC पर भी संभल-संभल कर कदम रख रही है।
वहीं, अब UCC के मुद्दे पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और सांसद शशि थरूर ने बयान दिया है। थरूर ने कहा है कि हमें (कांग्रेस को) डर है कि इससे लोगों के अधिकारों का हनन हो सकता है। इसके साथ ही सरकार की तरफ से अभी तक UCC का ड्राफ्ट भी नहीं सामने आया है। थरूर ने कहा कि जब तक सरकार ड्राफ्ट लेकर नहीं आती है, तब तक कांग्रेस की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।
थरूर ने आगे कहा कि UCC को लेकर एक चिंता है, जो डर का आधार है कि विभिन्न समुदाय के लोगों को मिले अधिकारों का हनन हो सकता है। हमें पहले यह देखना होगा कि आखिर सरकार का प्रस्ताव क्या है। सरकार ने अभी तक ड्राफ्ट सामने नहीं रखा है और न ही हितधारकों के साथ किसी भी प्रकार की कोई चर्चा शुरू की है। उन्होंने कहा कि इसलिए कांग्रेस ने फैसला लिया है कि वह तब तक कुछ नहीं कहेगी, जब तक ड्राफ्ट नहीं देख लेती। शशि थरूर ने कहा कि हमें हिंदू कोड बिल लाने के लिए भी स्वतंत्रता के बाद 9 वर्ष लगे। इसलिए लोगों को समझाने में वक़्त लगता है।
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