रांची: झारखंड में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बड़ा झटका लगा है, जब उनके प्रस्तावक मंडल के सदस्य मुर्मू ने पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया। झारखंड में विधानसभा चुनाव दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को होंगे, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी।
बीजेपी की नजर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 28 विधानसभा सीटों पर है। पार्टी ने संथाल परगना क्षेत्र में ‘घुसपैठ’ और ‘डेमोग्राफिक चेंज’ जैसे मुद्दों को उठाया है। वहीं, झामुमो और कांग्रेस ने सरना कार्ड का सहारा लिया है। झारखंड में आदिवासी मतदाताओं की संख्या 26% है, जो चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
झारखंड विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं, और बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में कई लोक लुभावने वादे किए हैं। पार्टी ने झारखंड के 25 साल पूरे होने पर 25 संकल्प लिए हैं, जिनमें ओबीसी के लिए 27% आरक्षण को बनाए रखने, हर जिला मुख्यालय को राजधानी रांची से जोड़ने, और वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों के लिए मासिक पेंशन बढ़ाकर ढाई हजार रुपए तक करने जैसे वादे शामिल हैं।
वापस चाहिए 370..! जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के पहले ही दिन आया प्रस्ताव, क्या बोले अब्दुल्ला?
महाकुंभ में गैर-हिन्दुओं की नो-एंट्री..! बाबा बागेश्वर बोले- मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम..?
'वोट के लिए जिहादियों का समर्थन करती है सपा..'. केशव प्रसाद ने बोला हमला