काशी विश्वनाथ मंदिर में 'कैबिनेट बैठक' के जरिए क्या सन्देश देना चाह रही योगी सरकार ?

काशी विश्वनाथ मंदिर में 'कैबिनेट बैठक' के जरिए क्या सन्देश देना चाह रही योगी सरकार ?
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वाराणसी: उत्तर प्रदेश के इतिहास में जो आज तक नहीं हुआ, वो पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में होने जा रहा है. राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कोई सरकार किसी मंदिर में मंत्रिमंडल की बैठक करने जा रही है. राज्य की योगी सरकार की मंत्रिमंडल की बैठक 16 दिसंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में होगी.

इस बैठक में सीएम योगी के साथ ही दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ दिनेश शर्मा के साथ ही अन्य मंत्री और अधिकारी उपस्थित रहेंगे. इस फैसले को आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में फिर से वापसी की कोशिशों में जुटी भाजपा का मास्टरस्ट्रोक भी माना जा रहा है. क्योंकि सरकार ने यह सन्देश देने का प्रयास किया है कि लखनऊ के बाद वारणासी, यूपी की दूसरी राजधानी है. 

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की ड्रीम परियोजना काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का उद्घाटन होना है. खुद पीएम मोदी इस प्रोजेक्ट का लोकार्पण करेंगे. इस दिन को विशेष बनाने के लिए योगी सरकार के साथ ही अधिकारियों और भाजपा संगठन ने खास योजना तैयार की है. इस कार्यक्रम को भाजपा जन जन तक पहुंचाने का कार्यक्रम बना रही है. किन्तु चुनाव से पहले पूर्वांचल को साधने के लिए योगी सरकार काशी विश्वनाथ धाम में मंत्रिमंडल की बैठक कर एक बड़ा सन्देश देना चाहती है.

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