नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से केरल के वायनाड जिले में हुए भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की है। इस भूस्खलन में 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, राहुल गांधी की इस मांग में एक बड़ी बाधा है—2013 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार के एक मंत्री द्वारा संसद में दिया गया बयान। उस समय, तत्कालीन गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने स्पष्ट किया था कि केंद्र सरकार के नियमों के तहत राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को वायनाड का दौरा करेंगे और वहां चल रहे राहत और पुनर्वास कार्यों का निरीक्षण करेंगे। साथ ही, वे भूस्खलन के पीड़ितों से भी मुलाकात करेंगे। इस बीच राहुल गांधी वायनाड त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि, राहुल गांधी मौजूदा सरकार से जो मांग कर रहे हैं, उसे 11 साल पहले उनकी ही सरकार ख़ारिज कर चुकी है।
2013 में लोकसभा में दिए गए एक जवाब में, तत्कालीन गृह राज्य मंत्री और कांग्रेस नेता मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा था कि प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने यह भी बताया था कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से अतिरिक्त सहायता पर विचार तब किया जाता है जब आपदा गंभीर हो और इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया हो।
बता दें कि, वायनाड जिले के मुंदक्की, चूरलमाला, और वेल्लारीमाला गांवों में 30 जुलाई को भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिसमें 400 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई लोग लापता हैं। इसे केरल की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जा रहा है।