खराब जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खान-पान की आदतों के कारण पेट की कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें से एक है कब्ज। अगर कब्ज का समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह अंततः बवासीर का कारण बन सकता है। बवासीर न केवल एक गंभीर स्थिति है, बल्कि यह परेशानी का कारण भी बनती है, जिसके बारे में डॉक्टर से बात करने पर अक्सर शर्मिंदगी होती है। अंग्रेजी में बवासीर को पाइल्स भी कहा जाता है। आइए जानें कि इस स्थिति को कैसे रोका जा सकता है और अगर यह हो जाए, तो कौन से उपचार फायदेमंद हो सकते हैं।
बवासीर (पाइल्स) क्या है?
बवासीर एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बैठना काफी असहज हो जाता है। इसमें गुदा के अंदर और बाहर, साथ ही मलाशय के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है, जिससे गांठें बन जाती हैं। ये गांठें कभी-कभी आंतरिक और कभी-कभी बाहरी हो सकती हैं।
बवासीर के प्रकार
बवासीर को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है: बाहरी और आंतरिक। आंतरिक बवासीर आमतौर पर दर्द रहित होती है, लेकिन मल त्याग के दौरान रक्तस्राव हो सकता है। दूसरी ओर, बाहरी बवासीर अक्सर कब्ज और लगातार पेट की तकलीफ का कारण बनती है, जिससे काफी दर्द होता है। अगर बवासीर गंभीर हो जाए, तो यह चलने-फिरने में भी बाधा उत्पन्न कर सकती है।
बवासीर को कैसे रोकें
डॉक्टरों के अनुसार, बवासीर को और खराब होने से रोकने के लिए कई उपाय हैं। विशेषज्ञ फाइबर युक्त आहार लेने, पानी का सेवन बढ़ाने और हल्के, आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह देते हैं। बवासीर से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचना बहुत ज़रूरी है। आयुर्वेद भी कब्ज को बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थों को कम करने का सुझाव देता है। इसके अतिरिक्त, पर्याप्त नींद सुनिश्चित करना और तनाव को नियंत्रित करना इस स्थिति को रोकने के महत्वपूर्ण पहलू हैं।
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