कैसा होना चाहिए ड्राइंग रूम का वास्तु? जानिए वास्तु नियम

कैसा होना चाहिए ड्राइंग रूम का वास्तु? जानिए वास्तु नियम
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के ड्राइंग रूम का वास्तु सही होने पर नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा सकता है, और इससे जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। ड्राइंग रूम घर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जहां अक्सर मेहमानों का स्वागत किया जाता है और घर में खुशी का माहौल बनता है। सही वास्तु का पालन करने से इस कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पारिवारिक जीवन में प्रेम और सौहार्द का वातावरण बना रहता है। इसलिए, ड्राइंग रूम के निर्माण और सजावट में वास्तु के नियमों का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। आइए, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर और समन्वयक डॉ. नंदन कुमार तिवारी द्वारा लिखी गई किताब 'गृह निर्माण विवेचन' में बताए गए ड्राइंग रूम के वास्तु के सुझावों पर गौर करें:

ड्राइंग रूम से जुड़े वास्तु टिप्स:

सही दिशा का चयन:
वास्तु के अनुसार, ड्राइंग रूम को ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) से पूर्व की दिशा में या उत्तर से वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में रखना सबसे अच्छा माना जाता है। ये दिशाएँ सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाती हैं और घर के वातावरण को खुशहाल बनाती हैं।

खिड़कियाँ और दरवाजे:
ड्राइंग रूम में खिड़कियाँ और दरवाजे पूर्व या उत्तर दिशा में होने चाहिए। इस दिशा में खुलने से प्राकृतिक रोशनी और ताजगी का अहसास होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।

दिशा की सावधानी:
नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) में ड्राइंग रूम होना वास्तु के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है। इस दिशा में ड्राइंग रूम बनाने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है और पारिवारिक संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है।

कमरे का आकार:
ड्राइंग रूम का आकार आयताकार या वर्गाकार होना सबसे अच्छा माना जाता है। इस प्रकार के आकार से कमरे की ऊर्जा प्रवाह में संतुलन बना रहता है और यह वास्तु के अनुसार आदर्श माना जाता है।

फर्नीचर का स्थान:
ड्राइंग रूम में सोफा, बेड या भारी फर्नीचर को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना उचित माना जाता है। इस प्रकार का फर्नीचर रखने से कमरे में स्थिरता और संतुलन बनाए रखा जा सकता है।

मुख की दिशा:
मेहमानों के आगमन के समय, घर के मुख्य सदस्य को पूर्व या उत्तर की दिशा में मुख करके बैठना शुभ माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मेहमानों के साथ संवाद अच्छा रहता है।

फर्श और छत की ऊँचाई:
ड्राइंग रूम की फर्श और छत को अन्य कमरों की तुलना में थोड़ी नीची रखना चाहिए। यह वास्तु के अनुसार ऊर्जा के प्रवाह को सही दिशा में बनाए रखता है और वातावरण को अधिक आरामदायक बनाता है।

इन वास्तु टिप्स का पालन करने से ड्राइंग रूम में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित किया जा सकता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि और खुशी बनी रहती है।

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