मोटापा, जिसे ओबेसिटी कहा जाता है, एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें व्यक्ति के शरीर में जरूरत से ज्यादा वजन, चर्बी और वसा जमा हो जाती है। ओबेसिटी और ओवरवेट की पहचान बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के माध्यम से की जाती है। BMI एक आसान स्क्रीनिंग तरीका है जो ओवरवेट और ओबेसिटी का पता लगाने में मदद करता है। आप ऑनलाइन BMI कैलकुलेटर पर जाकर अपनी ऊंचाई, वजन और उम्र डालकर अपना BMI पता लगा सकते हैं।
बॉडी मास इंडेक्स (BMI):
यदि किसी व्यक्ति का BMI 18.5 से कम है, तो उसे अंडरवेट माना जाता है।
यदि BMI 18.5 से 24.9 के बीच है, तो इसे सामान्य (नॉर्मल) माना जाता है।
यदि BMI 25.0 से 29.9 है, तो इसे ओवरवेट माना जाता है।
यदि BMI 30.0 से अधिक है, तो इसे मोटापा (ओबेसिटी) माना जाता है।
यदि आपका BMI 30 या उससे अधिक है, तो इसे मोटापा माना जाता है और इस स्थिति में शरीर में मोटापे से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही, पेट के मोटापे को कम करने के लिए व्यक्ति की कमर के आसपास के माप भी लिए जाते हैं।
मोटापा होने के कारण:
मोटापा का सबसे मुख्य कारण है कि व्यक्ति रोजाना जो कैलोरी बर्न करता है, उससे अधिक कैलोरी का सेवन करता है। शरीर द्वारा इस्तेमाल न की जाने वाली कैलोरी वसा के रूप में जमा हो जाती है, जिससे मोटापा बढ़ता है। हालांकि, मोटापे का सही कारण पूरी तरह से कहा नहीं जा सकता है। इसके अतिरिक्त, हेल्थ प्रॉब्लम्स और खराब लाइफस्टाइल भी मोटापे के कारण हो सकते हैं।
यदि परिवार में पहले से किसी व्यक्ति को मोटापे की समस्या है, तो अन्य लोगों को भी मोटापे का खतरा हो सकता है। कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे हाइपोथायरायडिज्म, कुशिंग सिंड्रोम और डिप्रेशन मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे मोटापे की समस्या हो सकती है।
कई लोग मोटापा कम करने के लिए डाइटिंग का प्रयास करते हैं, किन्तु वे सफल नहीं हो पाते। इसलिए वजन कम करने के लिए एक्सपर्ट की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। वे आपके शरीर की जरूरत के अनुसार आपको उचित डाइट और रूटीन फॉलो करने की सलाह देंगे।
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