मानसून का मौसम अपनी खासियत के साथ आता है, लेकिन साथ ही यह वायरल फीवर और इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ा देता है। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को इस सीजन में अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। इस मौसम में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियाँ आम होती हैं, और गर्भवती महिलाओं को इनसे बचाव पर खास ध्यान देना चाहिए।
डेंगू के लक्षण और प्रभाव
डेंगू बुखार एडीस एजिप्टी नामक मच्छर के काटने से फैलता है। गर्भवती महिलाओं में डेंगू के लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं, और इसका प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ सकता है। डेंगू के सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, शरीर में कमजोरी, डायरिया, मतली और उल्टी शामिल हैं। यदि इनमें से कोई लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत जांच करवाना आवश्यक है।
डेंगू के दौरान क्या करें
तत्काल जांच और इलाज: लक्षण महसूस होने पर तुरंत मेडिकल जांच करवाएं और डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर के निर्देशानुसार तुरंत इलाज शुरू करें।
आराम करें: डेंगू के दौरान पूरी तरह से आराम करें और शरीर को पर्याप्त नींद दें।
हाइड्रेशन: शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए पानी, नारियल पानी, और सूप का सेवन करें।
बुखार कम करने के उपाय: हल्के कपड़े पहनें और शरीर को गीले कपड़े से पोंछें ताकि बुखार कम हो सके।
डेंगू के दौरान क्या न करें
स्वतंत्र दवा का उपयोग: गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। कुछ दवाएं गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
घरेलू उपचार: डेंगू के दौरान किसी भी प्रकार के घरेलू उपचार से बचना चाहिए। हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही उपचार अपनाएं।
मानसून के मौसम में प्रेग्नेंसी के दौरान विशेष सावधानी रखनी चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह का पालन करें और किसी भी संदेहास्पद लक्षण के लिए तुरंत जांच करवाएं।
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