नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 100 एपिसोड इसी रविवार (30 अप्रैल) को पूरे होने वाले हैं। इसके जरिए प्रधानमंत्री देशवासियों से सीधे बात करते हैं, उनके संदेशों का जवाब देते हैं और उनको उचित सलाह भी देते हैं। चूँकि रेडियो आज भी भारत के गाँव-गाँव में उपलब्ध साधन है और गरीबों के लिए भी सुलभ है, इसीलिए प्रधानमंत्री ने देशवासियों तक अपनी बात पहुँचाने के लिए इसे चुना। अब IIM रोहतक के एक सर्वे में सामने आया है, जिसमे बताया गया है कि ‘मन की बात’ को 100 करोड़ श्रोताओं ने सुना है।
100 करोड़ लोगों ने सुनी मन की बात :-
बता दें कि, रविवार (30 अप्रैल) को पीएम मोदी ‘मन की बात’ के 100वे एपिसोड को संबोधित करेंगे। रोहतक स्थित ‘भारतीय प्रबंधन संस्थान’ (IIM) के सर्वे से पता चला है कि 23 करोड़ लोग ऐसे हैं जो ‘मन की बात’ के नियमित श्रोता हैं, जबकि 100 करोड़ लोगों ने कभी न कभी इस कार्यक्रम को सुना है। बता दें कि, टीवी न्यूज़ चैनलों द्वारा भी इस रेडियो कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाता है, इसीलिए इस सर्वे में उन दर्शकों को भी शामिल किया गया हैं। सर्वे में सामने आया है कि लोगों के व्यवहार में भी इससे परिवर्तन आया है। सर्वे में बताया गया है कि, कार्यक्रम से आम जनता में आशावादिता भी बढ़ी है और वो उनकी ख़ुशी में भी वृद्धि हुई है। सर्वे में श्रोताओं ने बताया कि उन्हें पीएम मोदी का अपनी बात कहने का तरीका पसंद आया। साथ ही पीएम मोदी इस कार्यक्रम में जो भी कहते हैं, वो सहानुभूति देने वाला और निर्णायक भी होता है। देश में 96 फीसद लोग ऐसे हैं, जो ‘मन की बात’ कार्यक्रम के संबंध में जानते हैं। बता दें कि इस कार्य्रकम की शुरुआत 3 अक्टूबर, 2014 को की गई थी, जब मोदी पहली बार पीएम बने थे।
Ahead of 100th episode, IIM Survey finds #MannKiBaat has reached 100 crore listeners
— PIB India (@PIB_India) April 24, 2023
23 crore regular listeners of Mann Ki Baat, 96% population aware of the famous radio programme: @IIM_Rohtak Report
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बता दें कि, IIM रोहतक के सर्वे को मंगलवार (25 अप्रैल) को प्रसार भारती के CEO गौरव द्विवेदी की मौजूदगी में जारी किया गया है। सर्वे में 60 फीसद लोगों ने राष्ट्र-निर्माण में सहभागिता के लिए सहमति जताई है, वहीं, 55 फीसद ने देश का जिम्मेदार नागरिक बनने की बात कही है, 63 फीसद का कहना है कि केंद्र सरकार के प्रति उनका रवैया सकारात्मक है, वहीं, 59 फीसद ने कहा कि केंद्र सरकार में उनका विश्वास बढ़ा है, 58% ने कहा कि उनकी जीवनशैली में सुधार हुआ है।
इसके साथ ही 73% लोगों ने सरकार के कामकाज के प्रति आशावादी रवैया प्रकट करते हुए कहा कि, देश के विकास को लेकर काम हो रहा है। बड़ी बात ये है कि कभी-कभार पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम को सुनने वालों में से 41 फीसद लोग ऐसे हैं, जो इसके नियमित श्रोता बनना चाहते हैं। ज्यादातर लोगों ने यही बताया कि ‘मन की बात’ सुनने की एक ही वजह हैं – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। इसके कंटेंट और कम्युनिकेशन स्टाइल ने लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर डाला है।
मन की बात में क्या सुनना पसंद करते हैं लोग :-
पीएम मोदी में उन्हें क्या अच्छा लगता है? सर्वे में इसका जवाब देते हुए ज्यादातर लोगों ने कहा कि, वो विद्वान हैं, जनता से एक भावुक रिश्ता बनाते हैं, निर्णायक हैं, जनता की संवेदनाओं को समझते हैं, उनके साथ सीधा संवाद करते हैं। सर्वे में बताया गया है कि, 44.7 फीसद लोग टीवी पर ‘मन की बात’ देखते हैं, जबकि 17.6 फीसद लोग रेडियो पर सुनते हैं। 37.6 फीसद लोग पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को मोबाइल फोन पर देखते हैं। सर्वे में पता चला है कि, विज्ञान के क्षेत्र में देश की उपलब्धियाँ, आम लोगों की कहानियाँ, हमारे जवानों की बहादुरी की गाथाएँ, युवाओं और पर्यावरण से संबंधित मुद्दे, ये कुछ मुख्य विषय हैं जिन पर लोग सुनना अधिक पसंद करते हैं।
इस सर्वे में शामिल होने वाले प्रतिभागियों की पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए, IIM रोहतक के निदेशक धीरज शर्मा ने कहा है कि इस अध्ययन में 10003 लोगों ने हिस्सा लिया था। इनमें से 60 फीसद पुरुष थे, जबकि 40 फीसद महिलाएँ थीं। इस अध्ययन में हिस्सा लेने वाले लोग 68 अलग-अलग पेशों से जुड़े हुए थे। इनमें से 64 फीसद लोग अनौपचारिक एवं स्व-नियोजित क्षेत्र से जुड़े हुए थे, जबकि छात्रों की हिस्सेदारी 23 फीसद की थी। बता दें कि, 22 भारतीय भाषाओं, 29 बोलियों और 11 विदेशी भाषाओं में ‘मन की बात’ का प्रसारण किया जाता है।
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