जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है कि मुख्य रूप से ट्यूबरक्लोसिस के खिलाफ इस्तेमाल में लाए जाने वाली बेकिले कैलमेट-गुएरिन (BCG) वैक्सीन लोगों को नोवल कोरोना वायरस से बचा सकती है। समाचार एजेंसी ने डेली सिचुएशन की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि, "WHO सबूतों के अभाव के चलते कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बीसीजी वैक्सीन (टीकाकरण) की अनुशंसा नहीं करता है।"
WHO ने कहा कि, "पशु और मानव दोनों पर किए गए अध्ययन के एक्सपेरिमेंटल एविडेंस हैं कि बीसीजी वैक्सीन का इम्यून सिस्टम पर गैर-विशिष्ट असर पड़ता है। इन प्रभावों की अच्छी तरह से विशेषता नहीं है और क्लीनिकल रिलिवेंस की भी जानकारी नहीं है।" WHO ने आगे कहा, "सवाल को संबोधित करने वाले दो क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं और इनके उपलब्ध होने पर WHO सबूतों का मूल्यांकन करेगा।"
WHO ने आगे आगाह करते हुए कहा कि, "बीसीजी वैक्सीन बच्चों में ट्यूबरक्लोसिस के गंभीर परिणामों को रोकने में सहायक होती है, किन्तु स्थानीय आपूर्ति होने पर इससे बीमारी बढ़ने और ट्यूबरक्लोसिस की वजह से मौत के मामलों में वृद्धि देखने को मिल सकती है।" आपको बता दें कि अभी तक कोरोना कि कोई भी वैक्सीन नहीं बन सकी है, हालाँकि इस पर शोध चल रहा है।
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