ब्रेकअप शायरी

ब्रेकअप शायरी
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कोशिश बहुत की कि राज-ऐ-मोहब्बत बयाँ ना हो,
मुमकिन कहाँ था कि आग लगे और धुंआ ना हो.


रूह से रूहानी होने तक,
हरफ़ से कहानी होने तक.
साथ रहूंगी मैं हमदम तेरे,
खाक़ आसमानी होने तक.

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