इजरायल एवं हमास के बीच संघर्ष जारी है। हमास ने जब 2 सप्ताह पूर्व इजरायल पर हमला किया, अमेरिका इसके ठीक तुरंत पश्चात् ही इजरायल के समर्थन में आ गया। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रत्येक तरह से सहायता का विश्वास दिया तथा चंद घंटों पश्चात् ही सैन्य बेड़े इजरायल की तरफ रवाना किए। कुल मिलाकर अमेरिका पूरी गहराई से इजरायल एवं फिलिस्तीनी संघर्ष में उतरता जा रहा है, मगर इस बात से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की पेशानियों पर बल पड़ने लगे हैं। आखिर उनकी चिंता की वजह क्या है?
आपको बता दें कि, इजरायल का समर्थन करने के लिए बाइडन प्रशासन ने दूसरे विमानवाहक पोत यूएसएस ड्वाइट डी। आइजनहावर कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को पूर्वी भूमध्य सागर में भेजा है। अमेरिकी रक्षा सचिव लायड आस्टिन ने बताया कि इसे इजरायल के विरुद्ध उठ रहे कदमों और इस युद्ध को व्यापक बनाने के किसी भी कोशिश को रोकने के लिए भेजा गया है। आइजनहावर यूएसएस गेराल्ड आर।फोर्ड कैरियर स्ट्राइक ग्रुप में सम्मिलित हो जाएगा, जो पहले से ही इजरायल के समीप उपस्थित है। यह कदम वहां लड़ाकू विमान और क्रूजर के साथ अमेरिकी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।
अमेरिका की इजरायल के लिए की जा रही इस सहायता को लेकर उन्होंने चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के पश्चात् एक प्रेस कांन्फ्रेंस में अपना पक्ष रखा। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि, अमेरिका ने इज़राइल एवं फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष के जवाब में भूमध्य सागर में दो विमान वाहक पोत भेजे हैं। रूस ने भूमध्य सागर में अमेरिका की सीधी उपस्थिति को अपने लिए अकथित चेतावनी के रूप में लिया है। लिहाजा रूस ने किंजल हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ रूसी विमानों को काला सागर पर गश्त करने का आदेश दिया है। एक प्रकार से अमेरिका, इजरायल के समर्थन में तो खड़ा ही है। दूसरी तरफ वह रूस को भी समुद्री सीमा पर सीधा निशाना बना रहा है। यानि एक प्रकार से दोनों ही देश बिना कहे ही एक-दूसरे के आमने-सामने हैं। भौगोलिक तौर पर देखें तो भूमध्य सागर एवं काला सागर की स्थिति और उनके बीच की दूरी भी उल्लेखनीय है। असल में काला सागर उत्तर एवं उत्तर पश्चिम में यूक्रेन, पूर्व में रूस तथा जॉर्जिया, दक्षिण में तुर्की एवं पश्चिम में बुल्गारिया व रोमानिया से घिरा हुआ है।
वही इसकी समुद्री भौगोलिक स्थिति पर नजर डालें तो यह बोस्पोरस जलडमरूमध्य के माध्यम से मरमारा सागर से तथा डारडेनेल्स जलडमरूमध्य के जरिए एजियन सागर से जुड़ा है। काला सागर क्षेत्र पर प्रभुत्व रूस की एक भू-रणनीतिक जरूरत है जो भूमध्य सागर में रूसी शक्ति को संरक्षित करने के लिए आवश्यक है। भूमध्य सागर से काला सागर की भूरेखीय दूरी 1700 किलोमीटर ही है। इस प्रकार अमेरिका ने रूस के नजदीक अपना सैन्य बेड़ा उतार दिया है। एक ओर अमेरिका पहले ही रूस-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन का मददगार है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिका गहराई तक उतरता जा रहा है। इसके साथ ही कहा कि अमेरिका यूक्रेन को लंबी दूरी की ATACMS मिसाइलें प्रदान करके गलती कर रहा है। रूस ने कहा कि, ये एक बड़े स्तर की गई गलती है। अमेरिका इस संघर्ष में ज्यादा से ज्यादा व्यक्तिगत तौर पर सम्मिलित होता जा रहा है तथा किसी को यह नहीं कहना चाहिए। उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है।
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