'चीते की चाल, बाज की नजर और बाजीराव की तलवार पर संदेह नहीं करते' या 'सारा शहर मुझे लायन के नाम से जानता है'।।। ये डायलॉग्स ऐसे हैं जिन्हे आप सभी ने सुना होगा और ये आपको पसंद भी होंगे। यह वह डायलॉग्स हैं जो हमारी बॉलीवुड फिल्मों में शेर-चीते जैसे जंगली जानवरों की अहमियत को दिखाने का कार्य करते हैं। जी दरअसल बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में बनी हैं जहां बड़े-बड़े स्टार्स स्क्रीन पर चीते से लेकर शेर, बाघ और तेंदुए जैसे खूंखार माने गए जंगली जानवरों के साथ दिखे। आज नया जमाना है और आज कंप्यूटर ग्राफिक्स की मदद से कमाल होते हैं लेकिन बीते दौर में तो एक्टर्स ने रियल शेर-चीतों के साथ बड़ी लड़ाई लड़ी। जी हाँ और आज हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं।
धर्मेन्द्र- शेर-चीतों की बात हो और धर्मेन्द्र का नाम ना आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। बॉलीवुड के He-Man यानी धर्मेन्द्र के करियर में कई ऐसी फिल्में रही हैं जहां वो शेर, चीता, बाघ और तेंदुआ के साथ फाइटिंग सीन कर रहे हैं। साल 1968 में आई 'आंखें' तो आपको याद ही होगी। धर्मेन्द्र और माला सिन्हा की इस फिल्म में धर्मेन्द्र का बाघ के साथ एक जबरदस्त फाइटिंग सीन था। इस फिल्म के डायरेक्टर रामानंद सागर थे। इसके अलावा धर्मेन्द्र की एक फिल्म साल 1976 में आई, जिसका नाम था 'मां'। इस फिल्म में तेंदुए, बाघ और शेर के साथ उनके कई फाइटिंग सीन हैं। इसके अलावा साल 1978 में आई 'आजाद' और साल 1979 में 'कर्तव्य' में भी धर्मेन्द्र हीरो बने और जंगल के शिकारी यानी बाघ के साथ लड़ते दिखाई दिए थे।
राज कपूर, सनी देओल- हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के शोमैन कहे जाने वाले राज कपूर भी 'मेरा नाम जोकर' में सर्कस में जाते हैं तो रिंग मास्टर का किरदार निभाते हैं। इस दौरान एक पिंजड़े में शेर, शेरनी और बाघ के साथ ये सीन शूट किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि ये 1928 की चार्ली चैपलिन की फिल्म 'द सर्कस' के 'लायन केज' सीन से इंस्पायर्ड था, लेकिन चार्ली चैपलिन की फिल्म जैसा हास्य इसमें नहीं था। जी हाँ और बताया जाता है कि चार्ली चैपलिन ने इस सीन को शूट करने के लिए 200 से ज्यादा टेक किए थे। अब बात करें सनी देओल की तो साल 1996 में आई 'घातक' के एक सीन में उन्होंने शेर से लड़ाई की थी।
करिश्मा कपूर- भारत में आखिरी बार चीता 1948 में दिखा और 1952 में उसे विलुप्त करार दे दिया गया। हालाँकि हमारे फिल्म मेकर्स यहीं नहीं रुके, उन्होंने चीतों के साथ शूटिंग के लिए अफ्रीका को चुना। जी हाँ, और अब देश में 74 साल बाद जो 'चीता रिटर्न' हो रहा है, वो चीते भी अफ्रीका के नामीबिया से आ रहे हैं।
अमिताभ- भारतीय समाज को 'मर्द को दर्द नहीं होता' जैसा डायलॉग देने वाले बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी अपने करियर में बाघ के साथ फाइटिंग सीन कर चुके हैं। जी दरअसल रेखा के साथ 1979 में उनकी फिल्म 'मिस्टर नटवरलाल' में बाघ के साथ एक जबरदस्त फाइटिंग सीन था। केवल यही नहीं बल्कि फिल्म में एक गाना भी था, जो शेर के शिकार की कहानी बताने वाला था। इसके बाद साल 1991 में आई 'हम' फिल्म में अमिताभ बच्चन के किरदार का नाम ही Tiger था, तो 1994 में मिथुन चक्रवर्ती ने 'चीता' नाम की एक फिल्म में काम किया था।
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