बैंगलोर: कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के वेंकटेश ने शनिवार (4 जून) को हैरान करने वाला बयान देते हुए कहा है कि जब भैंसों को काटा जा सकता है तो गाय को क्यों नहीं काटा जा सकता। अपने बयान के जरिए पशुपालन मंत्री ने यह संकेत दे दिया है कि राज्य की नवनिर्वाचित सरकार पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश में लागू किए गए गोहत्या विरोधी कानून की समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस कानून के संबंध में बातचीत करेगी और फिर निर्णय लेगी।
सिद्धारमैया कैबिनेट में पशुपालन मंत्री वेंकटेश ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार एक बिल लाई थी, जिसमें उसने भैंस और भैंसा का वध करने की इजाजत दी थी, मगर कहा था कि गौहत्या नहीं होनी चाहिए। भाजपा सरकार ने इसकी सजा को भी सख्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि, 'जब भैंस और भैंसा का वध किया जा सकता है, तो गाय क्यों नहीं काटी जा सकती ? यह सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है। हम चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे। इस सिलसिले में अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है।'
वेंकटेश ने कहा कि बूढ़ी गायों की देखरेख करने और उनकी मौत होने पर उन्हें दफन करने में किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि हाल में उनके फार्म हाउस में एक गाय की मौत हो गई। उस मृत गाय को दफनाने के लिए उन्हें JCB की सहायता लेनी पड़ी थी। बता दें कि, इससे पहले 25 मई 2023 को कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में राज्यमंत्री प्रियांक खड़गे ने भी कहा था कि कर्नाटक मे हिजाब पर प्रतिबंध, गोवध प्रतिबंध और धर्मांतरण कानून समेत अन्य मामलों पर गंभीरता से विचार कर फैसला लिया जाएगा।
Mr Gandhi,
— Tejinder Pall Singh Bagga (@TajinderBagga) May 28, 2017
Bahane nahi chalenge,he is ur close aid & doing everything on ur instructions.If you are serious then take action against him pic.twitter.com/WBwl9dp6YY
बता दें कि, पूर्व की भाजपा सरकार ने कर्नाटक पशु वध रोकथाम एवं संरक्षण अधिनियम को 2021 लागू किया था। यह अधिनियम प्रदेश में पशुओं के वध पर बैन लगाता है। सिर्फ बीमार मवेशियों और 13 साल से ज्यादा उम्र की भैंसों के वध की ही इजाजत दी गई। हालाँकि, कांग्रेस शुरू से ही इस कानून का विरोध करती रही है। बता दें कि, इससे पहले 2017 में गौवध को प्रतिबंधित करने का मुद्दा उठा था, तब केरल कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुए बीच सड़क पर गाय काटी थी और लोगों को इकठ्ठा कर उनमे गौमांस बांटा था।
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