भारतीय इतिहास में 28 सितंबर की दिनांक उस दिन के रूप में याद की जाएगी जब मोदी सरकार ने आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए 'सर्जिकल स्ट्राइक' जैसे कड़े फैसले लिए। 18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान से आए दहशतगर्दो ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के शिविर पर वॉर किया था। इस घातक हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। इस आतंकी घटना के पश्चात् देश में आक्रोश था। हमले की प्रतिक्रिया में आतंकवादी समूहों के विरुद्ध 28 सितंबर के दिन जवाबी हमले किए गए थे।
पाकिस्तान आतंकी कैंपों की उपस्थिति को स्वीकार नहीं कर रहा था। भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए ऐसा कदम उठाया कि न केवल पाकिस्तान बल्कि पुरे विश्व को दिखा दिया कि भारत आतंकी कैंपों को नष्ट कर सकता है। भारत ने 28-29 सितंबर की रात को भारतीय सेना के विशेष बलों ने LOC पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की तथा उन्हें नष्ट कर दिया। इस हमले में इंडियन फाॅर्स ने पाकिस्तानी दहशतगर्दो के छह लॉन्चपैड को खत्म कर दिया था तथा लगभग 45 आतंकी इस कार्रवाई में मारे गए थे।
वही इस हमले के दो वर्ष पश्चात् 2018 में भारत सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाना आरम्भ किया। इस सर्जिकल स्ट्राइक को सबसे शानदार सैन्य ऑपरेशन के तौर पर भी याद किया जाता है क्योंकि शत्रु ठिकानों को तबाह करने के समय भारतीय सेना के किसी सैनिक को मामूली खरोंच तक नहीं आई थी।
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