दिवाली, भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है। यह पांच दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें हर दिन का अपना विशेष महत्व और रस्में होती हैं। इस साल दिवाली को लेकर विभिन्न मत हैं कि इसे कब मनाया जाना चाहिए—कुछ लोग 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने का सुझाव दे रहे हैं, जबकि अन्य 1 नवंबर को इसे मनाने की बात कर रहे हैं। आइए आपको बताते है पांचों दिनों की दिनांक और शुभ मुहूर्त...
धनतेरस
धनतेरस का त्योहार इस वर्ष 29 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि का आरंभ 29 अक्टूबर सुबह 10:45 से शुरू हो रहा है और समापन 30 अक्टूबर दोपहर 12:49 पर होगा। 29 अक्टूबर का शुभ मुहूर्त:-
सुबह- 10:30 से 1:30 बजे तक
दोपहर-2:30 से 4:00 बजे तक
शाम 7:13 से 8:48 बजे तक
श्रीधन्वंतरि पूजन , बहीखाता एवं अन्य शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त :-
सुबह- 10:33 से 1:23 बजे तक
दोपहर-2:48 से 4:13 बजे तक
इस दिन आप श्री लक्ष्मी माता तथा कुबेर देवता का पूजन भी कर सकती हैं, जिसके लिए सबसे शुभ मुहूर्त शाम 7:13 से रात 8:48 तक रहेगा।
काली चौदश या नरक चौदश
30 अक्टूबर को दोपहर 12:49 से चतुर्दशी शुरु होगी तथा 31 अक्टूबर को दोपहर 2:57 पर समाप्त हो जाएगी। इस दिन यदि आप काली माता का पूजन करते हैं, तो इसके लिए शुभ मुहूर्त रात 10:23 से 11:58 तक रहेगा। इस मुहूर्त में आपको हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए। आप इस दिन बजरंग बांण या सुंदरकांड का पाठ कर सकती हैं।
दिवाली
31 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार है। वैसे तो अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 2:57 पर शुरू होगी तथा 1 नवंबर शाम 4:58 पर खत्म होगी। मगर लक्ष्मी पूजन के लिए 31 अक्टूबर का दिन ही सही रहेगा। लग्नानुसार श्री महालक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त जानें -
वृच्क्ष्कि लग्न - दोपहर 1:43 से 3:15 बजे तक
गोधूलि बेला-शाम 5:41 से 8:10 बजे तक
वृषभ लग्न - शाम 6:30 से 8:28 बजे तक
विशेष महानिशा काल-रात 11:41 से 12:30 बजे तक
सिंह लग्न- रात 12:57 से 3:10 बजे तक
गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा का दिवाली के पश्चात बहुत महत्व होता है। इस दिन को लोग बड़ी धूम-धम से मनाते हैं। वैसे तो यह दिवाली के दूसरे ही दिन मनाई जाती है, लेकिन इस बाद परेवा 1 नवंबर को शम 4:59 पर लग रही है। जबकि इसकी उदया तिथि 2 नवंबर को है। गोवर्धन पूजा हमेशा उदय तिथि पर ही की जाती है, इसलिए आप 2 नवंबर को शाम 6:44 तक इस पर्व को मना सकती हैं। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 2 नंवबर को प्रातः 7:44 से 9:23 तक रहेगा।
भाई दूज
भाई दूज भी 2 नवंबर को ही शाम 6:45 से आरम्भ हो जाएगी, लेकिन भाई को तिलक करने के लिए 3 नवंबर का दिन सही रहेगा। आप अपने भाई के माथे पर इन शुभ मुहूर्त पर तिलक लगा सकती हैं-
सुबह-10:33 से 11:58 बजे तक
दोपहर-1:23 से 2:46 बजे तक
यम पूजन के लिए दोपहर 1:23 से 4:11 बजे तक का समय सबसे शुभ रहेगा।
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