प्रत्येक वर्ष गायत्री जयंती का त्योहार ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की एकदाशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष गायत्री जयंती 17 जून 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन मां गायत्री की विधिवत पूजा की जाती है। मां गायत्री को वेदमाता के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक, माता गायत्री को सरस्वती, लक्ष्मी और काली का प्रतिनिधि माना जाता है। गायत्री माता की विधिवत पूजा करने से साधक को मनवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए आपको बताते हैं कि गायत्री माता कौन हैं।
कौन हैं गायत्री माता?
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, माता गायत्री भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महादेव की आराध्य देवी मानी गई हैं। गायत्री माता को वेदमाता के नाम से जाना जाता है। माता गायत्री को ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद एवं सामवेद की उत्पति करने वाली माना जाता है। गायत्री माता के 5 मुख और दस हाथ हैं। इनके 10 हाथ प्रभु श्री विष्णु का प्रतीक माने जाते हैं। माता गायत्री को ज्ञान की देवी एवं समस्त शक्तियों की जननी माना जाता है। माता गायत्री को उनके भक्ति आदिशक्ति के रूप में भी पूजते हैं।
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुव स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्!
गायत्री मंत्र महत्व
शास्त्रों में गायत्री मंत्र को सबसे अहम माना गया है। इस मंत्र के जाप से मनुष्य में एकग्रता बढ़ती है। इसके साथ ही मनुष्य के बुद्धि में भी वृद्धि होती है। गायत्री मंत्र को सभी मंत्र सबसे उत्तम मंत्र माना गया है। इस मंत्र के बिना कोई भी पूजा- पाठ या धार्मिक अनुष्ठान अधूरा माना जाता है।
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