सनातन धर्म में गुरु के महत्व का खास रूप से वर्णन किया गया है। पौराणिक काल से ही गुरु का स्थान देवताओं से ऊपर बताया गया है। प्रत्येक वर्ष गुरु के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस साल गुरु पूर्णिमा का त्योहार 03 जुलाई, सोमवार के दिन मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के तौर पर मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसीलिए इसे व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आइए बताते हैं गुरु पूर्णिमा का महत्व...
गुरु पूर्णिमा तिथि 2023:-
हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार, इस साल 2 जुलाई को शाम 6 बजकर 2 मिनट पर आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि आरम्भ हो जाएगी। जिसका समापन 3 जुलाई को रात 11 बजकर 8 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, गुरु पूर्णिमा का त्योहार 3 जुलाई को मनाया जाएगा।
गुरु पूर्णिमा 2023 का महत्व:-
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, महर्षि वेदव्यास को सृष्टि के पालनकर्ता प्रभु श्री विष्णु ने चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इस वजह से महर्षि वेदव्यास को इस संसार का पहला गुरु माना जाता है। गुरु पूर्णिमा के पर्व के मौके पर लोग अपने गुरुओं का आदर-सत्कार करते हुए उनका पूजन करते हैं। इस दिन व्रत रखते हुए प्रभु श्री विष्णु ते की पूजा-आराधना की जाती है। इसके अतिरिक्त गुरु पूर्णिमा तिथि पर अन्नदान करने की बहुत अहमियत होती है।
इंसान या भगवान..आखिर कौन थे साई बाबा
आप नहीं जानते होंगे गौतम बुद्ध के से जुड़ी ये खास बातें
जशपुर में 183 लोगों ने सनातन धर्म में की घरवापसी, पैर धोकर किया गया वनवासियों का स्वागत