कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे गोकुलाष्टमी भी कहा जाता है, एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार, श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है और दुनिया भर में भक्तों द्वारा धूमधाम से उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से भक्तों को मनचाहे फल प्राप्त होने की मान्यता है। साथ ही, जन्माष्टमी पर जयंती योग भी बनता है, जिससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति हो सकती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति भगवान कृष्ण की शरण में रहता है, उसे मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुख प्राप्त होते हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
कृष्ण जन्माष्टमी अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। द्वापर युग में कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। श्री कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में देवकी के आठवें पुत्र के रूप में हुआ। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा से मनचाहे फल की प्राप्ति और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
जन्माष्टमी 2024 की तिथि
इस साल, 2024 में, कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि 26 अगस्त को रात 3 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और 27 अगस्त को रात 2 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार, 26 अगस्त 2024 को व्रत किया जाएगा, जबकि गोकुल और वृंदावन में कृष्ण जन्मोत्सव 27 अगस्त को मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी का आयोजन
इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। रात के समय भगवान कृष्ण को स्नान कराकर चंदन लगाया जाता है और उन्हें झुलाया जाता है। मंदिरों में भव्य सजावट की जाती है, कीर्तन और भजन होते हैं, और श्रीमद्भागवत का पाठ किया जाता है।
मथुरा और वृंदावन में उत्सव
मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। लोग अपने घरों में "हरे कृष्ण हरे कृष्ण" का जाप करते हैं और दही हांडी का आयोजन अगले दिन किया जाता है।
वैष्णव और शैव समुदाय की मान्यता
वैष्णव समुदाय भगवान कृष्ण को विष्णु का अवतार मानते हैं और जन्माष्टमी को अत्यधिक धूमधाम से मनाते हैं। शैव समुदाय भी इस त्योहार को मानते हैं, लेकिन वैष्णव समुदाय की तरह उतना धूमधाम नहीं करते।
श्री कृष्ण के मंत्र
कृं कृष्णाय नमः
ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात
ओम क्लीम कृष्णाय नमः
गोकुल नाथाय नमः
इस प्रकार, कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भक्तों के लिए भगवान कृष्ण की पूजा और उनके जन्म की खुशी मनाने का अवसर होता है।
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