हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि 18 साल पूरे करने पर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वाले नए मतदाताओं को मतदाता पहचान पत्र मिलता है। जी दरअसल लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए उनसे शपथ दिलाई जाती है। आप सभी यह भी जानते ही होंगे भारत एक लोकतांत्रिक देश है हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह देश और अपने लिए अपने सार्वभौमिक मताधिकार का प्रयोग ज़रूर करें। इस बार 11वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस है जो आज मनाया जा रहा है। आप सभी को हम यह भी बता दें कि साल 1950 से स्थापित चुनाव आयोग के 61वें स्थापना वर्ष पर 25 जनवरी 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया था।
इस दौरान आयोजन के दो प्रमुख विषय थे, ‘समावेशी और गुणात्मक भागीदारी’। इस दिन को मनाए जाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य था कि देश भर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष उन सभी पात्र मतदाताओं की पहचान की जाएगी, जिनकी उम्र एक जनवरी को 18 वर्ष हो चुकी होगी। 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज किए जाएंगे और उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सौंपे जाएंगे। इसी के साथ पहचान पत्र बांटने का काम सामाजिक, शैक्षणिक व गैर-राजनीतिक व्यक्ति करेंगे। वहीं इस मौके पर मतदाताओं को एक बैच भी दिया जाएगा, जिसमें लोगो लगा होगा और एक नारा भी अंकित होगा 'मतदाता बनने पर गर्व है, मतदान को तैयार हैं।'
वैसे इस बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस बड़ा ख़ास होने वाला है। इस बार भारत निर्वाचन आयोग का काम पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफार्म पर आ रहा है। आपको बता दें कि इसके लिए चुनाव आयोग की तरफ से 25 जनवरी को e-EPIC मोबाइल एप लांच किया जा रहा है। इस एप के माध्यम से मतदाता अपने पहचान पत्र को मोबाइल के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं।
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