सनातन धर्म में ऋषि पंचमी व्रत का खास महत्व है. ऋषि पंचमी व्रत व्यक्ति को पाप कर्मों से मुक्ति दिलाता हैं. ऋषि पंचमी व्रत मुख्य तौर पर महिलाएं रखती है. भारत में कई स्थानों पर ऋषि पंचमी को भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में सप्तम ऋषियों की पूजा भी की जाती है. यह गणेश चतुर्थी के अगले ही दिन पड़ता है. इस साल ऋषि पंचमी आज 19 सितंबर 2023 को है. ऋषि पंचमी को गुरु पंचमी, भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. ऋषि पंचमी पर सप्तऋषियों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. ऋषि पंचमी पर उपवास रखने से पापों से मुक्ति एवं ऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त होताहै.
ऋषि पंचमी का समय और तिथि
इस वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 19 सितंबर 2023 दिन मंगलवार को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर आरम्भ होगी तथा 20 सितंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर इसका समापन होगा. सप्त ऋषियों की पूजा करने का शुभ समय बुधवार को प्रातः 11 बजकर 01 मिनट पर दोपहर 01 बजकर 28 मिनट तक है. पूजा करने की अवधि 2 घंटे 27 मिनट तक है.
ऋषि पंचमी व्रत का महत्व:-
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषियों की विशेष पूजा की जाती है. महिलाएं इस दिन उपवास रखती हैं तथा सुख, समृद्धि और शांति का कामना करती हैं. कहा जाता है कि किसी महिला से रजस्वला यानि महामारी के चलते यदि कोई भूल हो जाती है तो ऋषि पंचमी का व्रत करने से उस भूल की माफी प्राप्त होती है. जैसा कि ऋषि पंचमी को भाई पंचमी भी कहते है. इस के चलते माहेश्वरी समाज में बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं.
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