सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का बेहद महत्व है। मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की उपासना का दिन माना जाता है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से जीवन में खुशियाँ, सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि:
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि 15 दिसंबर को है। इस दिन विशेष रूप से गंगा एवं अन्य पवित्र नदियों में स्नान का महत्व है। इसके अतिरिक्त, इस दिन दान-पुण्य करने से भी विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर को दोपहर 4:58 बजे से हो रही है, जबकि इसका समापन 15 दिसंबर को दोपहर 2:31 बजे होगा। इस तरह से मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर को मनाई जाएगी।
पूर्णिमा तिथि पर अपनाएं उपाय:
* पूर्णिमा तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद, पीपल के पेड़ पर दूध, जल और फूल चढ़ाएं। यह उपाय विशेष रूप से शुभ माना जाता है और जीवन में सुख, सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है।
* स्नान के बाद, माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए घर के ईशान कोण में दीपक जलाना चाहिए। दीपक का जलाना घर में लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक माना जाता है और इससे घर में समृद्धि का वास होता है।
* प्रदोष काल (संध्या समय) में घर के ईशान कोण में घी का दीपक रखें। इसे विशेष रूप से लक्ष्मी और धन प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है। इस समय दीपक का जलाना घर के वातावरण को सकारात्मक बनाता है और धन की वर्षा होती है।
* यदि आप अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते को मजबूत करना चाहते हैं, तो पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान करने के बाद सत्यनारायण भगवान की पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान को चंदन अर्पित करें और माता लक्ष्मी को लाल चुनरी चढ़ाएं। इससे न केवल रिश्ते मजबूत होते हैं, बल्कि सभी प्रकार की मनोकामनाएँ भी पूरी होती हैं।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर क्या न करें?
कुछ कार्य हैं जिन्हें मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन करने से बचना चाहिए। इन कार्यों को करने से मनुष्य के जीवन में संकट आ सकते हैं तथा तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
तामसिक चीजें न खाएं
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर तामसिक चीजें जैसे मांस, प्याज, लहसुन एवं अंडे नहीं खाने चाहिए। इन्हें खाने से पूजा का लाभ नहीं मिलता।
बाल और नाखून न काटें
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए। यह कार्य वर्जित माना जाता है तथा इसके कारण व्यक्ति के बनते हुए काम बिगड़ सकते हैं।
किसी का अपमान न करें
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन अपने से बड़े लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए। साथ ही, परिवार में किसी से झगड़ा न करें, क्योंकि इससे घर में क्लेश उत्पन्न हो सकता है।
स्नान और दान करें
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर सुबह स्नान करने के बाद गरीब और जरूरतमंदों को अन्न दान करना चाहिए। इस प्रकार का दान करने से साधक के जीवन में किसी भी चीज़ की कमी नहीं होती।