नई दिल्ली: भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) को औपचारिक स्वीकृति देने के सवाल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को कहा है कि अप्रूवल की प्रक्रिया में कभी-कभी अधिक समय लगता है. बता दें कि WHO ने अभी तक भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को इस्तेमाल करने के लिए औपचारिक स्वीकृति नहीं दी है.
पूरे विश्व में कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए WHO ने अब तक सात वैक्सीन को स्वीकृति दी है. WHO द्वारा स्वीकृत टीकों में मॉडर्ना, फाइजर-बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन, ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका, भारत की कोविशील्ड, चीन की सिनोफार्म और सिनोवैक वैक्सीन शामिल हैं. WHO के एक अधिकारी ने बताया है कि इस्तेमाल के लिए एक वैक्सीन का पूरी तरह से मूल्यांकन करने और इसकी सिफारिश करने की प्रक्रिया में कभी-कभी अधिक समय लग जाता है.
उन्होंने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि विश्व को सही सलाह दी जाए, भले ही इसमें एक या दो सप्ताह का समय लगे. वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने बताया है कि WHO का तकनीकी सलाहकार समूह भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान में उपयोग किए जा रहे कोवैक्सीन टीके को आपात इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध करने पर विचार करने के उद्देश्य से 26 अक्टूबर को बैठक करेगा.
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