जब विवाहित थी मरियम तो फिर कैसे कुवारी मरियम से कैसे जन्में जीसस, जानिए इसके पीछे की कहानी

जब विवाहित थी मरियम तो फिर कैसे कुवारी मरियम से कैसे जन्में जीसस, जानिए इसके पीछे की कहानी
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वैसे तो लोग क्रिसमस के बारें में कई तरह से जानते है कोई कहता है की इस दिन संता बच्चों को गिफ्ट देते है तो कुछ जीसस के जन्म से जुड़ी हुई बातें करते है, आज हम आपको क्रिसमस से जुड़ी हुई कुछ बातें बताने वाले है, जिनके बारें में शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगी तो चलिए आज इस बारें में विस्तार से चर्चा कर लेते है...

वैसे तो आमतौर पर यह पर्व ईसाई धर्म के संस्थापक प्रभु यीशु के जन्म दिवस के रूप में दुनियाभर में सेलिब्रेट किया जाता है। क्रिसमस पर लोग अपने अपने घरों को अलग लाग तरह से सजाते है, कैंडल और क्रिसमस ट्री से घर को डेकोरेट करते है। इतना ही नहीं इस दिन सारे क्रिस्चियन चर्च में जाते है और इस पर्व का बड़ी ही धूमधाम से सेलिब्रेट करते है, कहने के लिए तो क्रिसमस क्रिस्चियन धर्म के लोगों के लिए ही होता है, लेकिन आज हर धर्म और संस्कृति के लोग इस पर्व को बेहद उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते है। लेकिन अब भी कई लोग ऐसे कि जिन्हे ये असल में मालूम ही नहीं है कि क्रिसमस क्यों मनाया जाता है. 

आखिर क्या है क्रिसमस का इतिहास: वैसे तो इस बारें में हम सभी हमारे घर के बड़े बुजुर्गों ने बताया हुआ है कि क्रिसमस का इतिहास प्रभु येशु के जन्म के साथ जुड़ा हुआ है। ईसाई धर्म के मुताबिक, 25 दिसंबर के दिन ही प्रभु यीशु मसीह ने जन्म लिया था। इतना ही नहीं क्रिसमस शब्द क्राइस्ट मास से निकला है। इस दिन को पहली बार ईसाई रोमन सम्राट और रोमन सम्राट कॉन्सटेंटाइन के शासनकाल के बीच 336 में सेलिब्रेट किया गया था। इसके पश्चात पोप जुलियस ने 25 दिसंबर को आधिकारिक तौर पर जीसस क्राइस्ट का जन्म दिन मनाने का निर्णय किया था।

क्रिसमस डे मनाने के पीछे की जानिए क्या है कहानी: कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 25 दिसंबर को प्रभु येशु मसीह का जन्म हुआ था, ईसाई धर्म की मान्यता के मुताबिक मरियम को एक सपना आया था, इस सपने में उनके प्रभु के पुत्र यीशु को जन्म देने की भविष्यवाणी भी कर दी गई थी। एक बार शादी के पश्चात मरियम और यूसुफ को बेथलहम जाना पड़ गया था। लेकिन सोचने और बोलने वाली बात तो ये है कि जब जीसस कुवारी मरियम से जन्मे थे तो मरियम की शादी कैसे हो गई, दरअसल जब मरियम कुंवारी थी उस वक़्त उन्हें ये सपना आया था की वो बिना विवाह के ही माँ बन जाएगी और  ऐसा हुआ भी क्यूंकि वो कहते है कि होनी को टाल सकता है. तो ऐसा ही कुछ मरियम के साथ भी हुआ था. भविष्यवाणी के कुछ समय के बाद ही मरियम का विवाह युसूफ के साथ तय कर दिया गया था. लेकिन उनके माँ बनने तक उन्होंने युसूफ के साथ विवाह नहीं रचाया था. एक समय ऐसा भी था जब जीसस इस दुनिया में जन्म लेने वाले थे उस वक़्त युसूफ और मरियम बेथलहम चले गए थे लेकिन उन्हें वहां कहीं रहने के लिए जगह नहीं मिली। लेकिन रात अधिक होने की वजह से मरियम को बेथलहम में ही रुकना पड़ गया था। लेकिन वहां रुकने के लिए कोई ठीक स्थान न  मिलने के कारण उन्होंने एक गौशाला में ही शरण लेना पड़ गया। जहां मरियम ने प्रभु यीशु को जन्म दिया।

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