बैंगलोर: राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट के अनुसार, ब्लास्ट के आरोपी पहले भी भाजपा कार्यालय पर हमला करने की योजना बना चुके थे। यह हमला राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन होना था।
NIA ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया कि चार आरोपियों के नाम मुस्सविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मतीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ हैं। इन पर UAPA और IPC की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। एजेंसी ने बताया कि शाजिब ने रामेश्वरम कैफे में बम रखा था और ताहा ने उसकी मदद की थी। दोनों आरोपी कर्नाटक के शिवमोगा जिले से हैं और 2020 में अल हिन्द मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद से फरार थे। इन्हें पश्चिम बंगाल के दीघा से गिरफ्तार किया गया था। जाँच में यह भी सामने आया कि आरोपी फर्जी सिम कार्ड, नकली बैंक खाते और डार्क वेब से मिली पहचान का इस्तेमाल करते थे। साथ ही, वे अपने आतंकी अभियानों के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर रहे थे, जिसे वे अपने हैंडलर्स से प्राप्त करते थे। वे टेलीग्राम के माध्यम से इस क्रिप्टोकरेंसी को सामान्य मुद्रा में बदलकर आतंकी साजिशों को अंजाम देते थे।
इन आतंकियों ने 1 मार्च, 2024 को रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट करने से पहले 22 जनवरी, 2024 को भाजपा कार्यालय पर IED से हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन वे इसमें असफल रहे। इसके बाद उन्होंने कैफे पर हमले की साजिश रची, जिसमें 9 लोग घायल हो गए थे। NIA ने खुलासा किया कि ये आतंकी ISIS से जुड़े हुए हैं और सीरिया जाने की योजना बना रहे थे। ये लोग मुस्लिम युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती करने का काम भी कर रहे थे। NIA ने दोनों मुख्य आरोपियों को कई दिनों की तलाश के बाद पकड़ा और अब चार्जशीट दाखिल कर दी है।
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